विशिष्ट ग़ज़लकार : हस्तीमल हस्ती

1
तुम क्या आना-जाना भूले
हम तो हंसना हंसाना भूले

तुमने ही तो चमन खिलाया
तुम ही फूल खिलाना भूले

हम से भूल हुई क्या बोलो
क्या तुमको लौटाना भूले

कांटों ने कब चुभना छोड़ा
फूल कहां मुस्काना भूले

हाले गुलिस्तां देख के अपना
पंछी आबो-दाना भूले

प्रेम पियाला पिया जिन्होंने
मंदिर और मयखाना भूले

2
सबसे अच्छी प्यार की बातें
बाकी सब बेकार की बातें

फूलों चांद सितारों से भी
प्यारी लगतीं यार की बातें

उसके हुस्न के जैसी दिलकश
तितली फूल बहार की बातें

दिल न भरे कितनी ही कर लो
प्यार की बातें यार की बातें

‘हस्ती’ है तौहीन सरासर
प्यार में जीत औ’हार की बातें

3
इश्क तो है ऐसा मंतर क्या बताएं आपको
संग को भी कर दे गौहर क्या बताएं आपको

देखते हैं आपको जब सोचते हैं देर तक
चांद,शीशा,गुल,सुखनवर क्या बताएं आपको

आप तो मिलने की कह कर खो गये हमने मगर
दिन गिने हैं जिंदगी भर क्या बताएं आपको

इश्क के मारे हैं सब शैदाई हैं सब इश्क के
क्या सुखनवर क्या कलंदर क्या बताएं आपको

जो हवेली प्यार की कीमत नहीं पहचानती
एक दिन होती है खंडहर क्या बताएं आपको

 

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