श्रद्धांजलि : अमन चांदपुरी /दोहा : बाबा बैद्यनाथ झा
नियति नटी क्यों हो गयी,बोलो इतना क्रूर।
किया अमन को दुष्ट ने,असमय हमसे दूर।।
रोता है साहित्य का, पूरा दिव्याकाश।
श्रद्धांजलि हम दे रहे, आज उसे भरपूर।।
श्रद्धांजलि : अमन चांदपुरी /दोहा : बाबा बैद्यनाथ झा
नियति नटी क्यों हो गयी,बोलो इतना क्रूर।
किया अमन को दुष्ट ने,असमय हमसे दूर।।
रोता है साहित्य का, पूरा दिव्याकाश।
श्रद्धांजलि हम दे रहे, आज उसे भरपूर।।