हिंदी ग़ज़लों की महत्वपूर्ण कृति ‘रास्तों से रास्ते निकले’ : डॉ भावना

हिंदी ग़ज़लों की महत्वपूर्ण कृति ‘रास्तों से रास्ते निकले’ : –  डॉ भावना ‘रास्तों से रास्ते निकले ‘ लब्ध प्रतिष्ठित ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी का  ग़ज़ल -संग्रह है, जो अयन प्रकाशन,…

अविभाजित भारत का पहला कृषि अनुसंधानशाला पूसा (बिहार) और पूसा (दिल्ली) :: वीरेन नंदा   

अविभाजित भारत का पहला कृषि अनुसंधानशाला पूसा (बिहार) और पूसा (दिल्ली) – वीरेन नंदा    बिहार के मुजफ्फरपुर से तीस किलोमीटर दूर पूसा में कभी किलानुमा हवेली हुआ करती थी…

‘मेरा चेहरा वापस दो’ ग़ज़ल का नया और मौलिक चेहरा : डॉ. भावना

‘मेरा चेहरा वापस दो’ ग़ज़ल का नया और मौलिक चेहरा – डॉ. भावना ‘मेरा चेहरा वापस दो’ छोटे बहर के मशहूर शायर विज्ञान व्रत का चुनिंदा ग़ज़लों का संग्रह है,…

‘मौत का उत्सव’ संजीवनी बूटी, बढ़ाएगी प्रतिरोधक क्षमता :: रूपम झा

‘मौत का उत्सव’ संजीवनी बूटी, बढ़ाएगी प्रतिरोधक क्षमता – रूपम झा मौत का उत्सव वरिष्ठ कवि रवि खण्डेलवाल जी रचित एक काव्य संग्रह है जिसे कवि ने कोरोनाकाल की त्रासदी…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: समीर परिमल

समीर परिमल की छह ग़ज़लें 1 आगे बढ़कर जी लूँ जिसको लम्हा ढूँढ रहा हूँ मैं काले सायों में इक साया अपना ढूँढ रहा हूँ मैं तेरे मेरे बीच में…

विशिष्ट गीतकार :: कुँअर उदय सिंह अनुज

फसलों-सा कट जाओ जैसे मुस्कातीं हैं सुबहें, वैसे तुम मुस्काओ। बहो हवा-सा रिश्तों में तुम, पेड़ों जैसा झूमों। पत्थर भी हों राहों में तो, लहरें बनकर चूमों। समय परोसे गर…

विशिष्ट कहानीकार :: मनोज

मनोज की दो बाल कहानियां जैसे को तैसा उत्पल के दिन की शुरुआत नित्य क्रिया और भगवत भजन से होती थी। वह नित्य स्नान के बाद फ्रेम में मढ़े सरस्वती…