अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार :: देवयानी झाडे

अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार ‘अदम्य’ ग़ज़ल-संग्रह अपने समय की तमाम दबी कुचली और पीड़ित आवाजों को मुखर बनाने में सफल हुआ है| यह पुस्तक हाल ही में श्वेतवर्णा प्रकाशन…

विशिष्ट कवि :: डॉ.विमलेंदु सिंह

डॉ. कुमार विमलेन्दु सिंह की चार कविताएं ढेर सारे अक्टूबर  मैं अपने ऊपर का आकाश बदल दूंगा अब, छूट जाएंगी बहुत बातें, यहीं रह जाएंगी, क्वार की उमस, कपासी मेघ,…

विशिष्ट कहानीकार :: गोपाल फलक

आम पक गए हैं  गोपाल फ़लक   खिड़की से बाहर देखा घुप अंधेरा था, बीच-बीच में झिंगुर की आवाज, भगजोगनी (जुगनू) का टिमटिमाना और कुत्तों का अलाप वातावरण को डरावना…

संस्मरण : तोतली जुबान वाला हर्ष :: डॉ. शिवम् तिवारी

तोतली जुबान वाला हर्ष  डॉ शिवम् तिवारी  “तातू, तातू, आ गए मेरे तातू” सर पर बेतरतीब बिखरे बाल, बदन पर पुरानी टी-शर्ट एवं अधफटी नेकर पहने महज 5 बरस का…

आम आदमी की कविताएं ‘आकाश के पन्ने पर’ :: आशीष मोहन

आम आदमी की कविताएं ‘आकाश के पन्ने पर’ आशीष मोहन डॉ. अमरजीत कौंके समकालीन कविताई के जाने-माने नाम, हिंदी और पंजाबी के बीच सेतु और दोनों ही भाषाओं के सिद्धहस्त…

विशिष्ट कवि :: राइडर राकेश

भादो में भुनेसर राइडर राकेश अंतिम भादो की इस आधी रात टिटहरी के द्रुत-मद्धम ताल के बीच बूंदें उतरने की आवाज़ें आ रही हैं घास, डिब्बे, पत्ते, टीन, पानी और…

प्रगतिशीलता का दंश :: दिनेश ‘तपन’

प्रगतिशीलता का दंश               –  दिनेश ‘तपन’ वे उच्च शिक्षा प्राप्त एक सम्पन्न व्यक्ति थे,मगर उन्हें गाँव का वातावरण प्रियकर नहीं लगा,लिहाजा पचास-साठ बीघे…