विशिष्ट गीतकार :: दिनेश प्रभात
गीत दिनेश प्रभात मत कहो… मत कहो इक गीत, माँ पर भी लिखा है! शब्द की ऊँचाइयों का भ्रम न पालो, त्याग उसका तुम किसी क्रम में न ढालो, सिन्धु…
गीत दिनेश प्रभात मत कहो… मत कहो इक गीत, माँ पर भी लिखा है! शब्द की ऊँचाइयों का भ्रम न पालो, त्याग उसका तुम किसी क्रम में न ढालो, सिन्धु…
ग़ज़ल डॉ. अफ़रोज़ आलम ऐ मां मुझे करनी है सिफ़त तेरी रक़म आज हैरान है मेरी अक़्ल, परेशान है क़लम आज मिलती है शब ओ रोज़ मुझे तेरी दुआएं मैं…
मां अनिरुद्ध सिन्हा सच पूछो तो ममता की जंज़ीर चुरा ली है मैंने माँ से माँ की ही तस्वीर चुरा ली है कुछ बिखरी उम्मीदों ने तक़दीर चुरा ली है…
मानव मन के गहरे अँधरे कोनों की पड़ताल करता उपन्यास – दृश्य से अदृश्य का सफ़र पंकज सुबीर हिन्दी कथा संसार का दायरा वैसे तो दिनों-दिन विस्तृत होता जा…
भावना की तीन कविताएँ 1 यह अलग बात है कि पर्दा उठ चुका है जिन्दगी के रंगमंच पर खेला जा रहा यह खेल खत्म हो चुका है पर,तुमने शानदार पारी…
बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी जयप्रकाश मिश्र हिंदी तथा बज्जिका साहित्य की यशस्विनी साहित्यकार एवं कवयित्री डाॅ शांति कुमारी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है…
माँ – हेमा सिंह मैं रोई तो माँ भी मेरे दर्द से कितना रोई थी ! जीवन दान मुझे देने को, आशीषों के ताग पिरोई थी। मेरे दर्द…
दोहे गरिमा सक्सेना माँ है मूरत प्रेम की, ममता का भंडार। संतानों में देखती, वो अपना संसार।। सदा सुधा ही बाँटती, सहकर शिशु की लात। माँ आँचल में प्रेम भर,…
तस्वीरों में जब भी माँ दिख जाती है डॉ. सीमा विजयवर्गीय तस्वीरों में जब भी माँ दिख जाती है मुझको उसकी बेहद याद सताती है पलभर भी वो मुझसे दूर…
नज़्म सोनिया अक्स अभी जिंदा है मेरी मां , अभी मैं रो नहीं सकती अंधेरे लाख घिर आऐं तजल्ली खो नही सकती मेरे अश्कों का हर क़तरा संभाले अपनी पलकों…