विशिष्ट ग़ज़कार :: सुशील साहिल
ग़ज़ल सुशील साहिल पिता के हाथ में पहली कमाई दे नहीं पाया कभी बीमार माँ को मैं दवाई दे नहीं पाया लियाक़त औ मशक़्क़त से जो आगे की तरफ़ निकला…
ग़ज़ल सुशील साहिल पिता के हाथ में पहली कमाई दे नहीं पाया कभी बीमार माँ को मैं दवाई दे नहीं पाया लियाक़त औ मशक़्क़त से जो आगे की तरफ़ निकला…
अरुण शीतांश की तीन कविताएं दादी मां की याद दादी की बहुत याद आ रही है बगल में एक दादी रोती है रोज़ लकवा की मारी है वह …
अभिनव अरुण की चार कविताएं छोटी कविता ! बहुत दिनों बाद जेठ की ठेठ तपती दुपहरी में बरसे है बादल तेज आंधी के साथ सड़कों से उठी है सोंधी…
कई हिस्सों में बंटी है मां धर्मेंद्र गुप्त ‘साहिल’ कई हिस्सों में बँटी है माँ के सभी हिस्से अलग-अलग रहते हैं माँ बारी-बारी से प्रत्येक हिस्से के पास रहती है…
मेरा पहला रिश्ता तुम से ही है मां कल्याणी शर्मा दूर गई हूँ जब से तब से ज़्यादा जान पाई हूँ माँ तुम कितनी कितनी फ़िक्र करती थीं मेरी मेरे…
माँ – नरेश शांडिल्य मंदिर की देहरी भजन गाती मंडली दाना चुगती चिड़िया तुलसी का बिरवा पीपल का पेड़ छड़ी वॉकर अस्पताल का स्ट्रेचर… जब-जब भी दिखते हैं याद आने…
माँ – सतीश नूतन माँ फैमली पेंशन पाती है पेंशन लेने जब भी आती है बैंक पासबुक में दबा कर लाती है घर की जरूरतों की एक लम्बी सूची हर…
माँ – रशीद अहमद शेख़ ‘रशीद’ ममता की खान स्नेह का सागर अनुपम उसका उर अद्भुत विद्यालय जन्म दायिनी सतत रक्षिका पालन-पोषण करती अविरल छाती का अमृत प्रदान कर जीवन दान…
मां होने का मतलब ख़ुदेजा ख़ान जैसे होता है पहले प्यार का अहसास जैसे भरता है परिंदा पहली उड़ान जैसे धक से हो जाता है दिल किसी बात पर ऐसा…
माँ की मौजूदगी कहीं दर्ज नहीं डॉ. आशासिंह सिकरवार माँ ने कभी भूखा नहीं सोने दिया अपने बच्चों को काश !! बच्चें जान पाते चंद्रमा – सी गोल रोटी उसने…