लघुकथा :: नज़्म सुभाष
खबरी अम्मा – नज़्म सुभाष अहले सुबह उठकर सारी नित्यक्रिया निपटाकर अंततः अम्मा छः बजे तक एकदम फ्री हो जाती फिर शुरू होती उनकी घरवादारी….…
खबरी अम्मा – नज़्म सुभाष अहले सुबह उठकर सारी नित्यक्रिया निपटाकर अंततः अम्मा छः बजे तक एकदम फ्री हो जाती फिर शुरू होती उनकी घरवादारी….…
अम्माँ का समय – राजनारायण बोहरे अम्माँ लगभग मेरे सिर पर खड़ी हो पूछ रहीं थीं कि मैं क्या खोज रहा हूं? उन्हें भला कहाँ सुहाता कि उनके एकल संसार…
विजय कुमार स्वर्णकार की ग़ज़लों में जीवन के विविध रूपों की अभिव्यक्ति हुई है …
1 सांझ होते ही नभ के सितारे जगे कुछ हमारे लिए कुछ तुम्हारे लिये नैन में सो रहे स्वप्न सारे जगे कुछ हमारे लिये कुछ तुम्हारे लिये आमने सामने…
अब इन्तज़ार के मौसम उदास करते नहीं, अजीब है कि हमें ग़म उदास करते नहीं। कभी-कभी का ख़फ़ा होना ठीक है लेकिन, किसी के दिल को यूँ पैहम उदास करते…
मोद का तिलस्म धरती गांव की बहुत खुश है। और हर्षित हैं, सारे खेत – खलिहान। समझ नहीं आया तो बूढ़े बरगद ने धरती से पूछा, “आखिर किस सौभाग्य पर…
जीवन के सभी रसों और रंगों में भीगी कविताएँ सुधा ओम ढींगरा रेखा भाटिया का नया काव्य संग्रह ‘सरहदों के पार दरख़्तों के साये में’ मिला। एक ही बैठक में…
1 वो ही बाबा है ,वो ही मैया है कुछ बदल सा गया कन्हैया है मेरी गंगा है मेरी जमुना भी जो मेरे गाँव की तलैया है अब कहाँ नीम…
वर्तमान परिदृश्य और शिक्षा चितरंजन कुमार शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा मानवीय संस्कार और सरोकार को बदलने का एक मात्र माध्यम है ।शिक्षा ग्रहण का यह कार्य…
तीली – पूनम सिंह परबतिया के लौट आने की खबर पूरे कुम्हरटोली में जंगल की आग की तरह फैल गई और देखते दखते ननकू के घर के सामने लोगों की…