विशिष्ट कवयित्री : मंजूषा मन

1
सहारा

तुमने कहा – “तुम लता बन जाओ
मैं हूँ न सहारा देने को,
मेरे सहारे तुम बढ़ना ऊपर
छूना आसमान…

खो गई में तुम्हारी घनाई में
तुम्हारे घने पत्तों के बीच
दम घुटने लगा था मेरा
पर मेरी नाजुक टहनियाँ उलझ चुकीं थी तुम में,
निकल पाना सम्भव नहीं हुआ
मैं घुट घुट कर मरने लगी,
मेरे पत्ते मुरझाने लगे,
मुझपर छाने लगा पीलापन,

और तुम
दम भरते रहे
मुझे सहारा देने का…

तुम भूल गए
कि मैं अमरबेल हूँ
में कहीं भी जी सकती हूँ
मैं मरती नहीं…

2
उड़ानें

पिंजरे से निकलने वाले तोते
हो जाते हैं शिकार
चील कौवों के

उड़ नहीं पाते पालतू तोते
पिंजरे में रहकर
क्षीर्ण हो जाती है क्षमता
उड़ने की,
पंख खो देते हैं ताकत
हवा का दबाव सहने की

कुछ दिन न मिल अवसर
पंख पसारने का
कुछ नहीं न भरी जाए उड़ान
भूल जाते हैं उड़ना तोते
जो होते हैं कैद पिंजरों में,

भले खुल जाए कारागार का द्वार
खोल दी जाएं
पांवों की सांकले
उड़ना सहज न होगा,

वो कहते हैं
अब नहीं है कारागार
अब नहीं हैं सांकलें

पर तुम उड़ नहीं पातीं…

3
कैश लैश

साड़ियों की तहों में से
अब नहीं निकलते
छुपाये हुए रुपये,

अब चाय और शक्कर के डिब्बों में
सिक्कों की खनखनाहट
सुनाई नही देती,

पूजा घर की कटोरी में
अब नहीं रखे होते वो रुपये
जो अक्सर काम आते थे
आपातकाल में,

अब मनिहारी वाले कि आवाज सुन
घरेलू स्त्रियां
नहीं ढूंढ पातीं
तुड़े मुड़े छुपाये हुए नोट,
खरीदने टिकली, काजल और नेलपॉलिश,

अब महीने भर की कमाई
लेकर नहीं रखी जाती
इनकी हथेली पर,

अब सीधा बैंक में
जमा हो जाता है वेतन,

कैश लैश हो गया है घर
कैश लैश हो गईं हैं स्त्रियाँ…

4
सलवटें

रोज सुबह
काम पर जाने के पहले
इस्त्री करती हूं अपने कपड़े
बे-तरतीब दिखतीं हैं
कपड़े की सिलवटें…

और साथ में
आईना देखते हुए
किसी अच्छी कम्पनी का
दो बूंद लोशन
चेहरे पर मलतीं हूँ
होंठो पर एक मुस्कुराहट पहनतीं हूँ…

रोज ऐसे ही
इस्त्री करती हूँ
अपना चेहरा भी
मिटाने सलवटें….

5
स्त्री /आज

धुँआ,
चिमटा, फुँकनी
चकला बेलन,
चार दिवारी
अँधेरा
स्त्री
कल….

गैस,
चकला- बेलन
कागज- कलम
भाग- दौड़
कुर्सी
कम्प्यूटर
प्रेजेंटेशन
बस, ट्रैन
फिर
चकला बेलन
स्त्री
आज…..
………………………………………………….
परिचय : कवयित्री अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन में कार्यक्रम अधिकार हैं. लेखन की कई विधाओं में इनकी गहरी पकड़ है.
हाइकू सहित नौ साझा संग्रह प्रकाशित हैं. कई संस्थाओं की ओर से सम्मानित हो चुकी हैं.
संपर्क – अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन, अम्बुजा कॉलोनी, ग्राम – रवान, जिला – बलौदा बाजार
छत्तीसगढ़, पिन – 493331
मोबाइल नम्बर – 9826812299
ई मेल – manjusha.mann9@gmail.com

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