ख़ास क़लम :: लता सिन्हा ‘ज्योतिर्मय’

मेरी जागीर ********* मेरी जागीर मेरे इस वतन की हर निशानी है हमारे देश की मैं ही नहीं दुनिया दिवानी है जहाँ मस्जिद अज़ानो से गूँजती हो सुबह रातें वहीं…

समीक्षा :: ऑंगन का शजर

  स्त्री-जीवन और समकालीन यथार्थ को अभिव्यक्ति देती ग़ज़लें ‌‌                      -कमलेश भट्ट कमल कवयित्री ममता किरण मूलत: और मन से ग़ज़लकार ही हैं जैसा कि 75 ग़ज़लों के इस सद्य:…