खास कलम : गुड़िया पांडेय
दुर्जीव पहचान करो पहचान करो, उस दानव की पहचान करो। जो दैत्य से भी बढ़कर है, उस मानव की पहचान करो। जो रोज आके इन गलियों मे, एक ढुंढता शिकार…
दुर्जीव पहचान करो पहचान करो, उस दानव की पहचान करो। जो दैत्य से भी बढ़कर है, उस मानव की पहचान करो। जो रोज आके इन गलियों मे, एक ढुंढता शिकार…
1 सारे जग से निभाया तुम्हारे लिए हर किसी को मनाया तुम्हारे लिए तुमको अपना बनाना था बस इसलिए सबको अपना बनाया तुम्हारे लिए नाज़ से सर उठाकर चला हर…
धुएँ के खिलाफ अगली शताब्दि की हरकतों से पैदा होने वाली नाजायज़ घुटन में सपने बाहर निकल आयेंगे परम्परिक फ्रेम तोड़कर कुचली दातून के साथ उगली जाएँगी बातें मानव का…
अमलतास डालों से लटके आँखों में अटके इस घर के आसपास गुच्छों में अमलतास झरते हैं अधरों से जैसे मिठबतियाँ हिलते है डालों में डाले गलबहियाँ बिखरे हैं– आँचल से…
समकालीन महिला गजलकार : एक महत्वपूर्ण कृति – जयप्रकाश मिश्र ख्यातिप्राप्त लेखक एवं चर्चित दोहाकार हरेराम “समीप” के संपादकत्व में छपी पुस्तक “समकालीन महिला गजलकार” साहित्य जगत में एक महत्त्वपूर्ण…
स्त्रियाँ कहीं से आएँ स्त्रियाँ कहीं से आएँ कहीं भी जाएँ तनाव, खीझ, झुँझलाहट की परत चिकने , महीन फेस पाउडर की तरह फैली होती है उनके चेहरे पर अॉटो…
एक मिशन के आधार स्तंभ स्वामी सत्यानंद सरस्वती – कुमार कृष्णन स्वामी शिवानंद ने कहा था कि—’ प्राय: सभी महान उपलव्ध्यिों के सुंदर और आकर्षक पक्ष ही हमें दिखाई देते…
मैं,रेजा और पच्चीस जून यह उम्र ही ऐसी होती है। सब कुछ अच्छा लगता है। सुंदरता और शोख रंग तो खींचते ही हैं। पर जो हट कर है, वह और…