मार्टिन जॉन की चार लघुकथाएं
डिलीट होते रिश्ते ‘समकालीन कथा परिदृश्य में मुखरित संवेदनहीन होते मानवीय रिश्ते’ – आज का यही मुद्दा था. व्हाट्सएप ग्रुप ’वाक् युद्ध’ के इस वैचारिक बहस में वह भी कूद…
डिलीट होते रिश्ते ‘समकालीन कथा परिदृश्य में मुखरित संवेदनहीन होते मानवीय रिश्ते’ – आज का यही मुद्दा था. व्हाट्सएप ग्रुप ’वाक् युद्ध’ के इस वैचारिक बहस में वह भी कूद…
किंबहुना – ए. असफल जीएम मीटिंग लेने वाले थे। आरती के हाथ पाँव फूल रहे थे। फाउन्डेशन की एक और प्रोजेक्ट आफीसर नीलिमा सिंह उसे नष्ट कराना चाहती है। जीएम…
………………………………………………. संप्रत्ति – मंदसौर, मध्यप्रदेश
विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती 1 हम ज़िन्दगी की राह खड़े देखते रहे झूठी खुशी की राह खड़े देखते रहे आयेगी और मिटायेगी जो तीरगी-ए-ज़ेह्न उस रौशनी की राह खड़े देखते रहे आपस की दुश्मनी का रहे अब न सिलसिला हम दोस्ती की राह खड़े देखते रहे सब- कुछ हड़प गया वो सुधारों की आड़ में जिस…
___________________________ पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर कविताएं, समीक्षाएं व अनुवाद प्रकाशित. अब तक तीन काव्य संग्रह. पता : 233, हरिपुरा विदिशा, मो. 9425034312 email – brajshrivastava7@gmail.com