विशिष्ट ग़ज़लकार : डी.एम. मिश्र

1 यूं अचानक हुक्म आया लाकडाउन हो गया यार से  मिल भी न पाया लाकडाउन हो गया बंद पिंजरे में किसी मजबूर पंछी की तरह दिल हमारा फड़फड़ाया लाकडाउन हो…

विशिष्ट ग़ज़लकार : अनिरुद्ध सिन्हा

उदास-  उदास  सफ़र  था  उदास  रस्ता भी उदास लगता था मुझको ख़ुद अपना साया भी   हमारी  रात  उजालों  से  कब  हुई  रौशन बना  के  चाँद  उसे  आइना  में देखा …