विशिष्ट कवि : विमल चंद्राकर

हम_तुम को समर्पित तुम भाग्य बदलने आयी हो न जाने तुम कौन देश से पावन प्रकाश संग लायी हो महक उठा है जीवन मेरा सद्मित्रता की सौगात लायी हो। महक…

विशिष्ट गीतकार : गरिमा सक्सेना

पतझर-सा यह जीवन जो था शांत, दुखद, बेहाल उसमें तुम फागुन-सा आकर प्रिय मल गए गुलाल गम को निर्वासित कर तुमने मेरा मोल बताया जो भी था अव्यक्त उसे अभिव्यक्त…

विशिष्ट कवियित्री : अनीता सिंह

स्पर्श के संस्मरण ये सब तुम्हारे थिर था प्रतिबिम्ब छुआ दी तुमने तर्जनी की पोर देर तक काँपता रहा तालाब ऊष्मा रख दी गले पर अटकी रह गई साँसें कुतर…

विशिष्ट गीतकार : संजय पंकज

रात चाँदनी चुपके आई खिड़की से सिरहाने में! सुबह सुबह तक रही सुबकती लीन रही दुलराने में! पता नहीं क्यों लापता रही कितने दिन बेगानों-सी इधर रही पर मेरी हालत…

विशिष्ट कवयित्री : पंखुरी सिन्हा

सोपान तोड़कर अपार अनंत से, अनाम सा फूल कोई बेनाम सा फूल कोई बदनाम सा फूल कोई कि मादक है खुशबू उसकी बेहोश करती है बुलाती है चर, अचर, निशाचरों…

विशिष्ट कवयित्री : डॉ. मीरा श्रीवास्तव

गुम हो गई कविता के मिलने की खुशी बीते बरसों को पलटकर देखना मुश्किल होता होगा , लेकिन तुम्हें बताऊँ ? बावरे मन ने तो इस सफर को महज चालीस…

विशिष्ट ग़ज़लकारा : ग़ज़ाला तबस्सुम

आजा तेरे हुस्न का सदक़ा मैं उतार दूँ फूल सारे बाग़ के आज तुझपे वार दूँ तेरी सारी उलझनें हँस के मैं संवार दूँ तेरे सारे रंजो ग़म खुशियों से…

विशिष्ट ग़ज़लकार : कृष्ण बक्षी

इम्तिहा-इम्तिहा मुख़्तसर सी जमीं, मुख़्तसर आसमाँ उसपे इतना घना,ये धुआँ, ये धुआँ. वो मोहब्बत का सारी उमर यूँ मेरी सिर्फ़ लेता रहा , इम्तिहा, इम्तिहा अपने दामन में अंगार बांधे…