विशिष्ट ग़ज़लकार : समीर परिमल

1 शरारत है, शिकायत है, नज़ाक़त है, क़यामत है ज़ुबां ख़ामोश है लेकिन निगाहों में मुहब्बत है हवाओं में, फ़िज़ाओं में, बहारों में, नज़ारों में वही ख़ुशबू, वही जादू, वही…

विशिष्ट गीतकार : आदर्श सिंह निखिल

1 प्रेम प्रत्यंचा सँभाली भाववाही तीर साधे मन हुआ तरकश तिलिस्मी भावनाएँ भर अपरिमित दंड दृढ़ विश्वास का झुक चेतना अतिरेक संचित हो रहा कोदंड जीवन दहुदिशाएं देख हर्षित डोर…

विशिष्ट गीतकार : अंकिता कुलश्रेष्ठ

मुक्तक 1 अाधार छंद:गीतिका छंद प्रीति की ही रीति का शुभ धाम है राधा-किशन प्रेम में लिपटी सुबह औ’र शाम है राधा-किशन दूर रहकर भी सदा जलता रहा जिसका दीया…

लघुकथा : कामिनी पाठक

अहसास का बंधन वेे अतीत के पल भी कितने सुनहरे थे। चुपके -चुपके मिलना ,माता-पिता का डर , समाज का डर । वो पहली बारिश में हमारा मिलना , तुम्हारे…

विशिष्ट गीतकार : डॉ रवींद्र उपाध्याय

वसन्त आ गया ! कलियों की कनखियाँ, फूलों के हास क्यारियों के दामन में भर गया सुवास बागों में लो फिर वसन्त आ गया ! मलयानिल अंग- अंग सहलाता जाये…