दुष्यंत के सीने में जलती आग : डॉ अभिषेक कुमार

दुष्यंत के सीने में जलती आग  डॉ अभिषेक कुमार   अगर वास्तव में तुम दुष्यंत के सीने में जलती आग को महसूस करना चाहते हो तो कभी जाकर देखो उस…

दुष्यंत की कविता : डॉ. पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’

दुष्यंत की कविता हिन्दी ग़ज़ल के स्थापक दुष्यंत कुमार अपने समकालीन साहित्यकारों के बारे में भी कविताएं लिखा करते थे, आज वे रचनाएं महत्त्वपूर्ण साहित्यिक दस्तावेज हैं । जिनके माध्यम…

‘साये में धूप’में अभिव्यक्त दुष्यंत कुमार की सामाजिक चेतना : वेदप्रकाश भारती

‘साये में धूप’में अभिव्यक्त दुष्यंत कुमार की सामाजिक चेतना वेदप्रकाश भारती दुष्यंत कुमार, जिनका नाम हिंदी गजल के प्रथम गजलकार के रूप में जाना जाता है। जिन्होंने गजल को रोमानियत…

दुष्यंत ने दिलायी थी हिन्दी ग़ज़ल की सही पहचान : डॉ. भूपेंद्र बिष्ट

दुष्यंत ने दिलायी थी हिन्दी ग़ज़ल की सही पहचान  डॉ. भूपेंद्र बिष्ट दुष्यन्त कुमार का नाम सामने आते ही हमें उनके गज़ल संग्रह “साए में धूप” (1975) की पहली गज़ल…

दुष्यंत कुमार की समसामयिकता : राजेन्द्र राज

दुष्यंत कुमार की समसामयिकता  राजेन्द्र राज 1975 में ‘साए में धूप‘ ग़ज़ल-संग्रह से दुष्यंत कुमार लोकप्रियता की मुकाम पर पहुंचे और आम लोगों ने उनकी सामाजिक चेतना तथा आंदोलनात्मकता को…

जनकवि दुष्यन्त : हिंदी ग़ज़ल में सामाजिक सरोकार और साहित्यिक योगदान : डॉ.पूनम सिन्हा श्रेयसी

जनकवि दुष्यन्त : हिंदी ग़ज़ल में सामाजिक सरोकार और साहित्यिक योगदान                                      …