ख़ास कलम :: दिवाकर पांडेय चित्रगुप्त

दिवाकर पांडेय चित्रगुप्त की पांच ग़ज़लें 1 कीट-पतंगें ही निकलेंगे इल्ली से, हासिल क्या है धेला-टका-रूपल्ली से ज्यों चूहों की रखवाली में बिल्ली से, उतनी ही उम्मीदें रखना दिल्ली से…

स्त्री विमर्श को नयी दिशा देता है बज्जिका उपन्यास ‘लाडो’ : हरिनारायण सिंह ‘हरि’ 

स्त्री विमर्श को नयी दिशा देता है बज्जिका उपन्यास ‘लाडो’ – हरिनारायण सिंह ‘हरि’          हिन्दी की प्रमुख महिला गजलकारा डाॅ भावना की मातृभाषा बज्जिका है और…

आदमियों के जंगल में सांप की मौत  : सुरेश सौरभ

आदमियों के जंगल में सांप की मौत   (हास्य व्यंग्य) -सुरेश सौरभ    सांपों के जंगल में एक सभा चल रही थी। एक सांपिन फूट-फूट कर रोए जा रही थी, तभी…

मानवीय संवेदनाओं का जीवंत दस्तावेज ‘मिट्टी कटी किनारों की’ : उदय शंकर सिंह ‘उदय’

मानवीय संवेदनाओं का जीवंत दस्तावेज ‘मिट्टी कटी किनारों की’ –  उदय शंकर सिंह ‘उदय’ आज तड़के ही जग गया! वैसे सुबह  की नींद बड़ी  प्यारी होती है। यही वह वक्त …

‘अपने हिस्से का ख़्वाब’: अविनाश बंधु की ग़ज़ल यात्रा – डॉ.भावना

‘अपने हिस्से का ख़्वाब’: अविनाश बंधु की ग़ज़ल यात्रा – डॉ.भावना  ‘अपने हिस्से का ख़्वाब’ अविनाश बंधु का ताज़ा ग़ज़ल संग्रह है. इस संग्रह में कुल 101 ग़ज़लें हैं, जो…

कवि सत्यनारायण और हिन्दी नवगीत : डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री

कवि सत्यनारायण और हिन्दी नवगीत डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री  सत्यनारायण हिन्दी के महत्वपूर्ण गीतकार हैं.बिहार का राज्य गीत इनके द्वारा रचा गया है- मेरे भारत के कंठ हार तुझको शत…

विशिष्ट कवि :: निहाल सिंह

निहाल सिंह की पांच कविताएं भूल  मैं भूल जाता हूंं कि नाश्ते में क्या खाया था मैं भूल जाता हूं की कमरे में कितनी खिड़कियां है कितने रौशन दान है…

विशिष्ट कहानीकार :: आलोक कुमार मिश्रा

मुँहनोचनी आलोक कुमार मिश्रा जाने कहाँ से आई थी वो। पूरे दिनों का पेट लिए हुए थी। तन पर नाम मात्र के फटे-पुराने चिथड़े थे। ऐसा लगता था जैसे उसे…

पुस्तक समीक्षा :: आईने से पूछो

सच को आईना दिखा रहा ‘आईने से पूछो’ सुदेश कुमार मेहर ग़ज़ल का सौंदर्य उसके शिल्प में निहित है। ग़ज़ल की विशेषता ही यह है कि उसका सौन्दर्य उसके शिल्प…