जीवन की सार्थक फिलसफी से रूबरू : जसविन्दर कौर बिन्द्रा

जीवन की सार्थक फिलसफी से रूबरू                    –  जसविन्दर कौर बिन्द्रा   पारुल सिंह मूलतः एक कवियत्री है, यह बात उसके पुस्तक…

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर :: मनोरमा पंत

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर  – मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच…

मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकलन :: डॉ पंकज कर्ण

मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकल डॉ पंकज कर्ण महान चिंतक बर्ट्रेंड रसेल ने कहा है:- “आनंद कोई दुर्लभ चीज नहीं है। कई बार पके हुए फल…

समाज व साहित्य को नवीन दिशा में ले जाती गुलाबी गलियाँ :: विनोद शर्मा ‘सागर’

समाज व साहित्य को नवीन दिशा में ले जाती गुलाबी गलियाँ -विनोद शर्मा ’सागर’ आजादी की पौन सदी व्यतीत हो चुकी है। हम आजादी का अमृत महोत्सव बड़े गर्व से…

इशारों में बात करती है ‘चाक पर घूमती रही मिट्टी’ :: संजय कुमार कुंदन

उम्र भर हम सफर में भटकते रहे… अभी मौजूदा शायरी (मैं उर्दू और हिंदी गजलों के विवाद में पड़ना नहीं  चाहता) के दौर में मुशायरों में धीरे-धीरे संजीदगी से अपनी…

स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी :: डॉ.भावना

स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी डॉ.भावना कुलक्षिणी उपन्यास हरिश्चंद्र दास का महत्वपूर्ण उपन्यास है, जो आर पब्लिकेशन मुंबई से छप कर आया है। इस पुस्तक को महाराष्ट्र साहित्य अकादमी…

अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया :: डॉ.भावना

अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया डॉ.भावना ‘जब थम गई दुनिया’ सुजीत वर्मा का सद्य: प्रकाशित उपन्यास है, जो सर्व भाषा प्रकाशन, नई दिल्ली…

हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें :: मधु सक्सेना

हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें : मधु सक्सेना इस दुनिया में सबकी अपनी अपनी नज़र होती है और अपना अपना नज़रिया ..कोई देख के चुपचाप आगे बढ़ जाता है ,कोई कुछ…