विशिष्ट ग़ज़लकार : दुष्यंत कुमार

दुष्यंत कुमार की दस ग़ज़लें : 1 मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ, वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ।   एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ।  …

विशिष्ट ग़ज़्रलकार :: डॉ.विनोद प्रकाश गुप्ता

डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ की छह ग़ज़लें 1 लाया हूँ मैं अभिसार में भीगी हुई ग़ज़लें , दिल के किसी तहख़ाने से निकली हुई ग़ज़लें । आती हैं ये…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: अमर पंकज

अमर पंकज की पांच ग़ज़लें 1 मुश्किल था पूरा सच लिखना तो आधा हर बार लिखा, ज़हर पिया मैंने नित लेकिन सुंदर है संसार लिखा। शीश उठाकर जी ले निर्बल…

विशिष्ट गजलकार:: अभिषेक कुमार सिंह

अभिषेक कुमार सिंह की पाँच ग़ज़लें 1. माँ की जब भी शॉल डाली जाएगी सर्दियों की चोट खाली जाएगी हम मजूरों को ठिठुरना है सदा हाँ ! कभी बीड़ी जला…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: सुनील शर्मा

डॉ सुनील कुमार शर्मा की ग्यारह ग़ज़लें   मुझे पहले यूँ लगता था सहारा चाहिए मुझको मुझे पहले यूँ लगता था सहारा चाहिए मुझको मगर अब जा के समझा हूँ…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: आशा पाण्डेय ओझा ‘आशा’

आशा पाण्डेय ओझा ‘आशा’ की पांच ग़ज़लें 1 कौनसी क़िताब है सांस-सांस ज़िंदगी ढूँढती ज़वाब है सांस-सांस ज़िंदगी   किस तरफ़ घटे-बढ़े, चल सका पता नहीं कौनसा हिसाब है सांस-सांस…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: ओम प्रकाश यती

ओम प्रकाश यती की पांच ग़ज़लें 1 जब आएगा कभी ये वक़्त आपदा बनकर रहेंगे दोस्त मेरे साथ हौसला बनकर किसी की पूजा से वह क्यों बचे सियासत में न…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: सुशील साहिल

सुशील साहिल की पांच ग़ज़लें 1 चराग़े-ज़ीस्त का साया सफ़र में निकला है मेरे वजूद का आधा सफ़र में निकला है   नज़र से खींच के तूफ़ाँ की सारी तस्वीरें…