विशिष्ट ग़ज़लकार : नूर मोहम्मद नूर

ग़ज़लें 1 बेवजह, बात बेबात होती, रही तिश्नगी दिल मे सौग़ात होती, रही जिस तरह अजनबी, अजनबी से मिले ज़िंदगी से मुलाक़ात, होती रही इक तरफ जीत के ख़्वाब ज़िंदा…

विशिष्ट गजलकार

विशिष्ट गजलकार : शिवकुमार बिलगरामी (1 ) एक महफ़िल सजाये बैठा हूँ तुझ से दिल को लगाए बैठा हूँ तुझ से मिलने की बेक़रारी है बेक़रारी  दबाये   बैठा   हूँ तेरे…

विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती

विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती 1 हम ज़िन्दगी की राह खड़े देखते रहे झूठी खुशी की राह खड़े देखते रहे आयेगी और मिटायेगी जो तीरगी-ए-ज़ेह्न उस रौशनी की राह खड़े देखते रहे आपस की दुश्मनी का रहे अब न सिलसिला हम दोस्ती की राह खड़े देखते रहे सब- कुछ हड़प गया वो सुधारों की आड़ में जिस…

विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती

विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती 1 हम ज़िन्दगी की राह खड़े देखते रहे झूठी खुशी की राह खड़े देखते रहे आयेगी और मिटायेगी जो तीरगी-ए-ज़ेह्न उस रौशनी की राह खड़े देखते रहे आपस की दुश्मनी का रहे अब न सिलसिला हम दोस्ती की राह खड़े देखते रहे सब- कुछ हड़प गया वो सुधारों की आड़ में जिस…

जहीर कुरैशी

परिचय : अब तक सात गजल-संग्रह प्रकाशित, देश के दो विश्विवद्यालयों में हिंदी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में 25 गजलें शामिल. निरंतर लेखन पता – 108, त्रिलोचन टावर, संगम सिनेमा के सामने,…