विशिष्ट कवयित्री : मंजूषा मन
1 सहारा तुमने कहा – “तुम लता बन जाओ मैं हूँ न सहारा देने को, मेरे सहारे तुम बढ़ना ऊपर छूना आसमान… खो गई में तुम्हारी घनाई में तुम्हारे घने…
1 सहारा तुमने कहा – “तुम लता बन जाओ मैं हूँ न सहारा देने को, मेरे सहारे तुम बढ़ना ऊपर छूना आसमान… खो गई में तुम्हारी घनाई में तुम्हारे घने…
हमारे समय का सांड़ चारा की तलाश में गायब हुआ सांड लौट आया है सब अचरज में हैं उसे देखकर मौन है, शांत चित्त होकर देख रहा है बच्चे चिंता…
1 फासला- (स्त्री एकालाप) तुम चलते रहे पौराणिक कथाओं का ताज पहने मैं कसती रही अपने ऐबों के चोगे का फीता तुम अप्रैल की गोधूलियों में लहर बनकर बरसाते रहे…
जंगल जी उठता है महुआ पेड़ के नीचे गांव की लड़कियों की हँसी में जंगल है जंगल अब भी जंगल है यहाँ गोला – बारूद फूटे गरजे आसमान से तोप…
ईश्वर की सर्वोत्तम रचना कितनी अजीब बात है जब उचारा आपने कि मनुष्य, ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है तो मुखमंडल आपका दिपदिपाने लगा पर जब कहा मैंने कि ईश्वर, मनुष्य…
सिलवटें एक दशक पुरानी है चट्टान खामोशी की और खर्च किये जाने से बचा हुआ है धीरज आकाश के पर्दे पर टका हुआ है जगमग संसार तुमसे मांगना है सारे…
बारिश, पहाड़ और भूख रातभर बारिश हुई है पहाड़ पर चीड़-साल नहा गया पोर-पोर नेतरहाट में फुनगियों-पत्तों से टघर रहा पानी अनगिन धार बनकर रिस रहा घोसलों में झोपड़ों में…
माफ़ीनामा मैं क्षमाप्रार्थी हूँ दुनिया के सारे बच्चों के प्रति कि उन्हें मारा गया छोटी -छोटी बातों पर हाथ उठाया उनकी छोटी गल्तियों पर उन्हें चोट देते रहे जबकि बड़ी…
धुएँ के खिलाफ अगली शताब्दि की हरकतों से पैदा होने वाली नाजायज़ घुटन में सपने बाहर निकल आयेंगे परम्परिक फ्रेम तोड़कर कुचली दातून के साथ उगली जाएँगी बातें मानव का…
स्त्रियाँ कहीं से आएँ स्त्रियाँ कहीं से आएँ कहीं भी जाएँ तनाव, खीझ, झुँझलाहट की परत चिकने , महीन फेस पाउडर की तरह फैली होती है उनके चेहरे पर अॉटो…