लघुकथा :: गौतम कोइरी
शिक्षा का असर जंगल में प्रजातंत्र की बात हो रही थी। सारे पशुओ के प्रतिनिधियों की बनी कमेटी ने तय किया कि इसके लिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार आवश्यक है। जन-…
शिक्षा का असर जंगल में प्रजातंत्र की बात हो रही थी। सारे पशुओ के प्रतिनिधियों की बनी कमेटी ने तय किया कि इसके लिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार आवश्यक है। जन-…
डॉ कुँवर दिनेश सिंह की दो लघुकथाएं आत्मा का घर “सादा जीवन, उच्च विचार”― बहुत-से महापुरुषों का यही उपदेश रहा है। लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि…
अरविंद भट्ट की दो लघुकथाएं रोटी एक तो दिल्ली की जून की तपती, दहकती दोपहरी और शरीर को तंदूर की तरह सेंके जा रही लू और दूसरा भट्टी बनी…
बाबूजी ठीक कह रहे हैं – कैलाश झा किंकर ‘कोरोनटाईन सेंटर के प्रभारी के रूप में तुमने ग़लत कमाई का जो अम्बार खड़ा कर लिया है,उसे देखकर मुझे तुम्हारे…
मां का आशीर्वाद – ज्वाला सांध्यपुष्प आज शहर के युवा चिकित्सक अमितशंकर के प्रथम पुत्र की छट्ठी की रस्म थी और वे खुद अनुपस्थित थे।शहर के सभी गणमान्य व्यक्ति पधारे…
सब्ज़ी मेकर इस दीपावली वह पहली बार अकेली खाना बना रही थी। सब्ज़ी बिगड़ जाने के डर से मध्यम आंच पर कड़ाही में रखे तेल की गर्माहट के साथ उसके…
राजधानी एक्सप्रेस – मुकुन्द प्रकाश मिश्र मैं रेलवे स्टेशन पर बैठ कर ट्रेन का इंतजार कर रहा था ।किसी ने कहा ट्रेन हमेशा की तरह है 2 घंटे लेट !…
प्रेम जैसे ही फोन उठाया वो बोली मेरे जीवन में आपने रंग भरे हैं । मैं कर्जदार हूँ आपकी । अपने घर आ गई हूँ । आपको हर पल याद…
अहसास का बंधन वेे अतीत के पल भी कितने सुनहरे थे। चुपके -चुपके मिलना ,माता-पिता का डर , समाज का डर । वो पहली बारिश में हमारा मिलना , तुम्हारे…
राधिका ”राधिका इतने साल से तुम्हें बुलाने की कोशिश कर रही हूँ, पर तुम हो कि मानती ही नहीं | ऐसी भी क्या जिद कि अपने दोस्तों की भी नहीं…