विशिष्ट गीतकार : डॉ. राम वल्लभ आचार्य
1 मन में इतनी उलझन मन में इतनी उलझन जितने सघन सतपुड़ा वाले वन, हल्दीघाटी हुई जि़ंदगी चेरापूंजी हुए नयन । जयपुर जैसे लाल गुलाबी रहे देखते हम सपने, लेकिन…
1 मन में इतनी उलझन मन में इतनी उलझन जितने सघन सतपुड़ा वाले वन, हल्दीघाटी हुई जि़ंदगी चेरापूंजी हुए नयन । जयपुर जैसे लाल गुलाबी रहे देखते हम सपने, लेकिन…
(छोटे बच्चे अक्सर दीवारों पर आड़ी-तिरछी रेखाएँ बनाकर अपनी अद्भुत कलाकारी का इजहार करते हैं. उनके कमासुत माँ -बाप उसे ‘दीवार ख़राब’ करना मानते हैं और बच्चे को डांट -फटकार…
चौमासा थोड़ी धूप छुपा कर रखना सीलन का मौसम आना है सागर से विकराल भयानक काले काले दैत्य उठेंगे जहाँ प्रेम की लिखी इबारत ठीक वहीं जा कर बरसेंगे जम…
अमलतास डालों से लटके आँखों में अटके इस घर के आसपास गुच्छों में अमलतास झरते हैं अधरों से जैसे मिठबतियाँ हिलते है डालों में डाले गलबहियाँ बिखरे हैं– आँचल से…
1 कभी क़ुहरा कभी बादल खुले मौसम अगर तो धूप आये आंगने में ।भँवर से कश्तियाँ बाहर कोई कैसे निकाले लहर बैठी हुई है मोर्चे अपने संभाले। जहाँ हों पुल …
गीत ने समय ने मुझको जहां जब भी सताया गीत ने मुझको वहां तब-तब बचाया ! लड़खड़ाया तो लिया धर हाथ हौले ले गया कुछ दूर अपनी बांह खोले झाड़…
विशिष्ट गीतकार : डॉ रवींद्र उपाध्याय धूप लिखेंगे, छाह लिखेंगे धूप लिखेंगे, छाह लिखेंगे मंजिल वाली राह लिखेंगे खुशियों के कोलाहल में जो दबी-दबी है आह, लिखेंगे बादल काले – उजला…
परिचय : मनोज जैन मधुर, गीत व कविताओं की सांत संग्रह प्रकाशित. विभिन्न संस्थाओं की आेर से 15 से अधिक सम्मान. सम्पर्क – सी. एम.- 13, इन्दिरा कॉलोनी, बाग़ उमराव…
परिचय : वरिष्ठ गीतकार व कवि. अब तक गीत, कविता व समालोचना की एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित. देश भर की साहित्यिक संस्थाओं की ओर से सम्मानित. पता : ‘शुभानंदी’, नीतीश्वर…