विशिष्ट गीतकार :: डॉ. सीमा विजयवर्गीय

तस्वीरों में जब भी माँ दिख जाती है डॉ. सीमा विजयवर्गीय तस्वीरों में जब भी माँ दिख जाती है मुझको उसकी बेहद याद सताती है पलभर भी वो मुझसे दूर…

विशिष्ट गीतकार :: सोनिया अक्स

नज़्म सोनिया अक्स  अभी जिंदा है मेरी मां , अभी मैं रो नहीं सकती अंधेरे लाख घिर आऐं तजल्ली खो नही सकती मेरे अश्कों का हर क़तरा संभाले अपनी पलकों…

विशिष्ट गीतकार :: डॉ. संजय पंकज

डॉ. संजय पंकज के तीन गीत मां तो होती सबके आगे पीछे रहती रखती सबको साए में! मां तो होती धूप चांदनी कुछ गाए अनगाए में! संबंधों की पूरी दुनिया…

विशिष्ट गीतकार :: महेश कटारे सुगम

नवगीत अम्मा महेश कटारे सुगम घर में नहीं अकेली अम्मा तुलसी का घरुवा गुटका रामायण का भगवानों से सजा हुआ इक सिंहासन एक दुधारू गैया चितकबरी बिल्ली कच्चा सोंधा लिपा…

विशिष्ट गीतकार :: शिवनंदन सलिल

1 सांझ होते ही नभ के सितारे जगे कुछ हमारे लिए कुछ तुम्हारे लिये नैन में सो रहे स्वप्न सारे जगे कुछ हमारे लिये कुछ तुम्हारे लिये   आमने सामने…

विशिष्ट गीतकार :: कुँअर उदय सिंह अनुज

1 सूरज तो उगता है लेकिन, घर में नहीं उजाले हैं।   उन लोगों के नहीं फिरे दिन, रहे लगाते जो नारे। चूल्हा बुझा-बुझा है गुमसुम, पेट जल रहे अंगारे।…

विशिष्ट गीतकार :: पंकज वसंत

1 आओ हे! नव वर्ष, स्वागत !तेरा नव वर्ष, हर्ष-आनन्द चंद कम ले आना आओ प्रिय,लेकिन अधरों पर प्रतिबंध नहीं लेकर आना! मुस्काती प्रति प्रत्यूष घड़ी सुस्मित साँझें सतरंग लिएं…

विशिष्ट गीतकार :: विज्ञान व्रत

हौसले जगने लगे हैं अब उन्हें महसूस करके हौसले जगने लगे हैं   एक अँधियारी अमा जो तोड़ती थी और हमको मुश्किलों से जोड़ती थी उस अमा के पाँव सहसा…