विशिष्ट ग़ज़लकार : डॉ भावना

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लोगों जरा तुम सुन लो रक्खो बहुत सफाई
कोरोना नाम की इक चीनी बीमारी आई
इक दिन दवा बनेगी ,इक दिन हम मात देंगे
तब तक ये देशवासी छोड़ो जरा ढिठाई
 मन कांप-कांप  जाता है देख कर ये तांडव
संदेह कुछ रहा न जैविक है यह लड़ाई
 हाथों को धोते रहना, चेहरे को ढक के रखना
 महंगी पड़ेगी वरना तुमको ये बेवफाई
मेरी ये बात मानो, बस दूरियां बना लो
 जो हो, सुरक्षित रहना, खुद से करो सगाई

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