विशिष्ट ग़ज़लकार :: हस्तीमल हस्ती

1
रस्ता चाहे जैसा दे
साथी लेकिन अच्छा दे

प्यार पे हँसने वालों को
प्यार में थोड़ा उलझा दे

जिसमें सदियां जी लूं मैं
इक लम्हा तो ऐसा दे

जैसा हूं वैसा ही दिखूं
सीरत जैसा चेहरा दे

चाहे जितने दे लेकिन
दर्द कोई तो मीठा दे

थोड़े दुनियादार रहें
हस्ती जी को समझा दे

2
ये मुमकिन है कि मिल जाएँ तिरी खोई हुई चीज़ें
क़रीने से सजा कर रखा ज़रा बिखरी हुई चीज़ें

कभी यूँ भी हुआ है हँसते हँसते तोड़ दी हम ने
हमें मालूम था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें

ज़माने के लिए जो हैं बड़ी नायाब और महँगी
हमारे दिल से सब की सब हैं वो उतरी हुई चीज़ें

दिखाती हैं हमें मजबूरियाँ ऐसे भी दिन अक्सर
उठानी पड़ती हैं फिर से हमें फेंकी हुई चीज़ें

किसी महफ़िल में जब इंसानियत का नाम आया है
हमें याद आ गई बाज़ार में बिकती हुई चीज़ें

3

हंसती गाती तबीयत रखिए
बच्चों वाली आदत रखिए

शोला शबनम शीशे जैसी
अपनी कोई फ़ितरत रखिए

हंसी शरारत बेपरवाही
इनमें अपनी रंगत रखिए

धींगामश्ती गपशप बाजी
करने की भी फुर्सत रखिए

काम के इंसां हो जाओगे
हम जैसों की सोहबत रखिए

4

चाहे जिससे भी वास्ता रखना
चल सको उतना फासला रखना

चाहे जितनी सजाओ तस्वीरें
आइने के लिए जगा रखना

घर पर बड़ा हो कोई जरूरी नहीं
ये जरूरी है दिल बड़ा रखना

अपने घर को सजाओ अपनी तरह
खुद से पूछो कहां पे क्या रखना

वक्त दस्तक नहीं दिया करता
अपना दरवाजा तुम खुला रखना

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परिचय : हस्तीमल हस्ती ग़ज़लों में विशिष्ट पहचान रखते हैं. इनके कई ग़ज़ल-संग्रह  प्रकाशित है. मशहूर ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह, पंकज उधास, मनहर उधास आदि ग़ज़ल गायकों द्वारा इनकी ग़ज़लें गायीं गई हैं.

 

 

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