खास कलम : अंजना झा

मेरे घर का कचरा आज बहुत ज्यादा परेशान थी मैं क्योंकि नहीं उठेगा आज मेरे घर का कचरा वाकई हैरान थी मैं।। कल ही तो आए थे गोधूलि बेला में…

ख़्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं ! – रश्मि तरिका

ख़्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं ! – रश्मि तरिका   इंसानों की इस दुनिया में, बस यही तो इक रोना है …. जज़्बात अपने हों तो ही जज़्बात हैं,…

विशिष्ट गीतकार : रंजन कुमार झा

(1) पथिक बनो दीये खुद पथ के वर्ना हरसू अंधकार है वज्र इरादों के शोलों सँग दीवाली हर निशा मनाओ पथ दुर्गम में पड़ी शिलाएँ तोड़ो-फेको, दूर हटाओ मांग वक्त…

आलेख : अनिरुद्ध सिन्हा

हिन्दी ग़ज़ल – संवाद और संदर्भ – अनिरुद्ध सिन्हा इससे सहमत हुआ जा सकता है कि दुष्यंत कुमार से पहले हिन्दी ग़ज़ल के क्षेत्र में जो बहुत सारी वैचारिक तथा…

विशिष्ट कवि : शांडिल्य सौरभ

पुनर्रचना डूबना भी तैयारी है नए सफर के में निकलने के पूर्व पश्चिम में डूबना पूरब में उगने की तैयारी है पश्चिम और पूरब तर्क हैं महज़ तथ्य यह है…

विशिष्ट कहानीकार : संजीव जैन

लालबत्ती एक दूसरी कहानी यह भी मेरी जिंदगी अंत से आरंभ हो रही है। मैं हमेशा आरंभ के लिए करता रहा कोशिश पर अंत हमेशा पहले आता रहा और अब…

विशिष्ट कवि : विमलेश त्रिपाठी

चूल्हा वह एक स्त्री के हाथ की नरम मिट्टी है आँच में जलते गालों की आभा आत्मा के धुँए का बादल और आँख का लोर झीम-झीम बहता काजल वह आसमान…

ख़ास कलम : बृजमोहन स्वामी ‘बैरागी’

मेरे हिस्से की भूख : लाचार कविता —————————————————– ( गरीबी और लाचारी में जीवन यापन करते हुए एक कवि/लेखक की अंतरात्मा से लिखी गई एक कविता जो विश्व की महान…