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विशिष्ट गीतकार :: अवनीश त्रिपाठी
अवनीश त्रिपाठी के आठ गीत कब तक अपने दोष मढोगे कब तक अपने दोष मढोगे दूजे के ऊपर प्रायश्चित का जिम्मा अपने भी सर लो बाबू! सदा मीडिया…
विशिष्ट गीतकार : मृदुल शर्मा
1 सगुन पांखी अब नहीं इस तरफ आते।। जि़न्दगी जकड़ी हुई है हादसों मे। खून बन कर बह रहा है भय नसों मे। स्वस्ति-वाचक शब्द फिरते मुँह चुराते।।…
