पुस्तक समीक्षा :: एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल ‘रुई लपेटी आग’ :: ऋचा वर्मा 

एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल ‘रुई लपेटी आग’ :: ऋचा वर्मा  (अवधेश प्रीत की पुस्तक ‘रुई लपेटी आग’ की समीक्षा) अपने पहले उपन्यास ‘अशोक राजपथ’ से समकालीन उपन्यास लेखन…

कोरोना काल में बेबसी की कविताएं ‘दुनिया भेलई उदास’ :: सुधांशु चक्रवर्ती

कोरोना काल में बेबसी की कविताएं ‘दुनिया भेलई उदास’ सुधांशु चक्रवर्ती दुनिया की कोई भी भाषा पिंजरे में क़ैद नहीं होती।प्रेम-मुहब्बत,दु:ख-दर्द, भूख, सुरक्षा, सम्मान आदि की भावनाओं एक-दूसरे के बीच…

हृदय से निसृत साधना का गीत ‘बात करती शिलाएं’ :: कान्ति शुक्ला

हृदय से निसृत साधना का गीत ‘बात करती शिलाएं’  कान्ति शुक्ला काव्य सृजन जीवन का स्पंदन है। जब यही स्पंदन सहजता और सरलता से मुखरित हो जाए तो कविता सृजित…

इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें’: एक नायाब संकलन – के.पी.अनमोल

इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें’: एक नायाब संकलन                                      …

खिड़की सिखाती हैं मुझे  अंदर रहते हुए कैसे देखा जाता है बाहर :: चित्तरंजन

खिड़की सिखाती हैं मुझे अंदर रहते हुए कैसे देखा जाता है बाहर               – चित्तरंजन प्रगतिशील चेतना को समर्पित यह कविता एक बेचैन मनोभाव की…

पंकज सुबीर की कहानियां जीवन का आईना :: अशोक प्रियदर्शी

   पंकज सुबीर की कहानियां जीवन का आईना :: अशोक प्रियदर्शी सचमुच। पंकज सुबीर की दस कहानियों का ताजा संकलन ‘हमेशा देर कर देता हूँ मैं’ मुझे मिला, तो एक-दो…

वक़्त के नब्ज को पकडती हुई कविताओं का संग्रह ‘बोलो न दरवेश’ : ज्योति रीता

वक़्त के नब्ज को पकडती हुई कविताओं का संग्रह ‘बोलो न दरवेश’  स्मिता सिन्हा हमारे समय की गंभीर कवियत्री हैं। वे सामान्य जीवन में हँसती -खिलखिलाती मोरनी- सी जान पड़ती…