रेत की तरह फिसल जाये उम्मीद :: शबनम सिन्हा
रेत की तरह फिसल जाये उम्मीद : शबनम सिन्हा चिलचिलाती धूप में टपकते पसीने के बाद भी आगे बढ़ते कदम इस उम्मीद के साथ कि...
समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर :: मनोरमा पंत
समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर - मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का...
विशिष्ट गीतकार :: अंजना वर्मा
अंजना वर्मा के पाँच गीत (1) यह समय खामोश रहने का नहीं है इस तरह हैवानियत का खेल जो खेला गया आदमी की असलियत वह...
विशिष्ट कवि :: ललन चतुर्वेदी
ललन चतुर्वेदी की दस कविताएं देह का अध्यात्म वह सद्यस्नाता स्त्री जिसके कुंतल से टपक रहे हैं बूँद-बूँद जल एक झटके से झाड़कर बाल खड़ी...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: अमर पंकज
अमर पंकज की छह ग़ज़लें 1 काश किस्मत की लकीरों से चुराता मैं उसे, साथ साया सा हमेशा पास पाता मैं उसे। है मुहब्बत ही...
मोहम्मद :: हरि भटनागर
मोहम्मद हरि भटनागर इस काॅलोनी में मैं एकदम नया था। अपरिचित। किसी से जान-पहचान न थी। इसके पहले मैं जहां रहता था, वह जगह जुमेराती...
डॉ शांति कुमारी:शिक्षा, सृजन और सरोकार की संवेदना :: डॉ.संजय पंकज
डॉ शांति कुमारी:शिक्षा, सृजन और सरोकार की संवेदना डॉ संजय पंकज ग्रामीण सामाजिकता में पली-बढ़ी कोई स्त्री जब शिक्षा और सृजन के क्षेत्र में आती...
माँ तुम्हारा धन्यवाद… :: आद्या भारद्वाज
माँ तुम्हारा धन्यवाद... (आद्या भारद्वाज द्वारा अपनी नानी माँ पर लिखा संस्मरण) मैं अपनी नानी माँ डॉ शांति कुमारी को 'माँ' कह कर बुलाती थी।...
दादा जी की टॉफियां :: सुजाता प्रसाद
दादा जी की टॉफियां सुजाता प्रसाद आशु और अवनि दादा जी के साथ खेल रहे थे। आशु दादा जी को गेंद कैच करवाता और दादा...
आम आदमी का स्वर ‘रास्ता बनकर रहा’ :: अविनाश भारती
राहुल शिवाय की पुस्तक 'रास्ता बनकर रहा' की समीक्षा सद्य प्रकाशित संग्रह 'रास्ता बनकर रहा' राहुल शिवाय का पहला ग़ज़ल संग्रह है। इससे पूर्व इनके...