गहन भावपूर्ण कृति : घरों को ढोते लोग – रमाकांत चौधरी

गहन भावपूर्ण कृति : घरों को ढोते लोग  -रमाकांत चौधरी जहाँ एक ओर सब कुछ मोबाइल पर सर्च करने की आदत ने पुस्तकों की ओर से लोगों को उदासीन कर…

सभी वर्गों के जीवन का लेखा-जोखा करतीं लघुकथाएं :: सुधा जुगरान

सभी वर्गों के जीवन का लेखा-जोखा करतीं लघुकथाएं सुधा जुगरान लंबी कथाओं को पढ़ने के आदी पाठकों के सामने जब लघुकथाओं की पुस्तक हाथ में आती है, तो गद्य की…

बिखरती सद्भावनाओं को समेटती लघुकथाएं  : शिव सिंह सागर

बिखरती सद्भावनाओं को समेटती लघुकथाएं -शिव सिंह ‘सागर‘   लघुकथा की दुनिया में सुरेश सौरभ पुराना और प्रतिष्ठित नाम है। मुझे इन दिनों उनके संपादन में संपादित लघुकथा का साझा…

स्मृतियों की असाधारण संवेदना : रेखा भाटिया

स्मृतियों की असाधारण संवेदना                          – रेखा भाटिया विशिष्ट लेखक पंकज सुबीर का लघु खण्ड काव्य ‘देह-गाथा’ अभी हाल…

जीवन की सार्थक फिलसफी से रूबरू : जसविन्दर कौर बिन्द्रा

जीवन की सार्थक फिलसफी से रूबरू                    –  जसविन्दर कौर बिन्द्रा   पारुल सिंह मूलतः एक कवियत्री है, यह बात उसके पुस्तक…

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर :: मनोरमा पंत

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर  – मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच…

मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकलन :: डॉ पंकज कर्ण

मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकल डॉ पंकज कर्ण महान चिंतक बर्ट्रेंड रसेल ने कहा है:- “आनंद कोई दुर्लभ चीज नहीं है। कई बार पके हुए फल…

समाज व साहित्य को नवीन दिशा में ले जाती गुलाबी गलियाँ :: विनोद शर्मा ‘सागर’

समाज व साहित्य को नवीन दिशा में ले जाती गुलाबी गलियाँ -विनोद शर्मा ’सागर’ आजादी की पौन सदी व्यतीत हो चुकी है। हम आजादी का अमृत महोत्सव बड़े गर्व से…

इशारों में बात करती है ‘चाक पर घूमती रही मिट्टी’ :: संजय कुमार कुंदन

उम्र भर हम सफर में भटकते रहे… अभी मौजूदा शायरी (मैं उर्दू और हिंदी गजलों के विवाद में पड़ना नहीं  चाहता) के दौर में मुशायरों में धीरे-धीरे संजीदगी से अपनी…