समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर :: मनोरमा पंत

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर  - मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का...

आम आदमी का स्वर ‘रास्ता बनकर रहा’ :: अविनाश भारती

राहुल शिवाय की पुस्तक 'रास्ता बनकर रहा' की समीक्षा सद्य प्रकाशित संग्रह 'रास्ता बनकर रहा' राहुल शिवाय का पहला ग़ज़ल संग्रह है। इससे पूर्व इनके...

हिंदी ग़ज़लों का सटीक मूल्यांकन :: अविनाश भारती

डॉ भावना की आलोचनात्मक कृति 'हिंदी ग़ज़ल : भाषा और मूल्यांकन' की समीक्षा समकालीन हिन्दी ग़ज़लगो की शीर्ष सूची में अपनी पहचान पाने वाली डॉ....

मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकलन :: डॉ पंकज कर्ण

मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकल डॉ पंकज कर्ण महान चिंतक बर्ट्रेंड रसेल ने कहा है:- "आनंद कोई दुर्लभ चीज नहीं है।...

बदलते परिवेश में हिन्दी ग़ज़ल एक साक्षात्कार : अविनाश भारती

बदलते परिवेश में हिन्दी ग़ज़ल एक साक्षात्कार अविनाश भारती निःसंदेह आज हिन्दी ग़ज़ल की प्रतिबद्धता और कथ्यों की विविधता ने उसे हिन्दी साहित्य की सबसे...

समाज व साहित्य को नवीन दिशा में ले जाती गुलाबी गलियाँ :: विनोद शर्मा ‘सागर’

समाज व साहित्य को नवीन दिशा में ले जाती गुलाबी गलियाँ -विनोद शर्मा ’सागर’ आजादी की पौन सदी व्यतीत हो चुकी है। हम आजादी का...

इशारों में बात करती है ‘चाक पर घूमती रही मिट्टी’ :: संजय कुमार कुंदन

उम्र भर हम सफर में भटकते रहे... अभी मौजूदा शायरी (मैं उर्दू और हिंदी गजलों के विवाद में पड़ना नहीं  चाहता) के दौर में मुशायरों...

स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी :: डॉ.भावना

स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी डॉ.भावना कुलक्षिणी उपन्यास हरिश्चंद्र दास का महत्वपूर्ण उपन्यास है, जो आर पब्लिकेशन मुंबई से छप कर आया है। इस...

अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया :: डॉ.भावना

अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया डॉ.भावना 'जब थम गई दुनिया' सुजीत वर्मा का सद्य: प्रकाशित उपन्यास है, जो...

हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें :: मधु सक्सेना

हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें : मधु सक्सेना इस दुनिया में सबकी अपनी अपनी नज़र होती है और अपना अपना नज़रिया ..कोई देख के चुपचाप आगे...