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स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी :: डॉ.भावना

September 25, 2023September 26, 2023

अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया :: डॉ.भावना

September 25, 2023September 25, 2023

हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें :: मधु सक्सेना

September 25, 2023September 25, 2023

आम आदमी से संवाद करती हैं डॉ भावना की ग़ज़लें :: अविनाश भारती

July 25, 2023

छंदबद्ध रचनाओं का दस्तावेज आये हैं तो काटेंगे :: डॉ.भावना

July 25, 2023

‘तस्वीर कहीं तो है’ में रिश्तों का आपसी सामंजस्य :: डॉ भावना

April 26, 2023April 26, 2023

‘रूदादे-सफ़र’ में देहदान जैसे जटिल विषय का बखूबी चित्रण :: सुधा ओम ढींगरा

April 26, 2023April 26, 2023

आशा पाण्डेय जी की नज़र से समसामयिक जीवन का कोई भी सिरा छूट नहीं पाता : डॉ भावना

March 10, 2023March 11, 2023

गहन संवेदना का प्रमाण ‘देवता पाषाण के’ :: डॉ.प्रेम प्रकाश त्रिपाठी

January 15, 2023March 11, 2023
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Category: खास कलम –

खास कलम -

ख़ास कलम – जयप्रकाश मिश्र

दोहे :: महानगरीय समस्याएँ जयप्रकाश मिश्र   नंगेपन की दौड़ में, महानगर है आज। बिना शर्म की नग्नता,  फिर भी करती नाज।।1।।   भीड़-भाड़ की...

admin
September 25, 2023September 26, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम – के.पी.अनमोल

दोहे – के. पी. अनमोल जब-तब इसके वास्ते, युद्ध हुए अनमोल। नक़्शा रोटी का मगर, रहा हमेशा गोल।। ***** तन की सुंदरता जगत, करता है...

admin
September 25, 2023September 25, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: आकांक्षा कुमारी

शरीर का अंत मृत्यु नहीं होती   बड़े अरमानों को लेकर घरों को छोड़ आयें सीखने मौत को यमराज से छीन लेने की कलाएँ धरती...

admin
September 25, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: डॉ.छोटेलाल गुप्ता

पेड़ से हुई वार्तालाप! आज सुबह गंडक नदी के किनारे नदी के तीरे-तीरे यों मैं प्रात भ्रमण पर निकला था इसी बीच मेरी मुलाकात एक...

admin
July 25, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: सुरेखा कादियान ‘सृजना’

ग़ज़ल सभी की ज़िंदगानी का बड़ा छोटा फ़साना है अचानक से चले आये अचानक लौट जाना है कहानी लिख तो दूँ लेकिन वही किरदार लाज़िम...

admin
April 26, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: सुरेखा कादियान ‘सृजना’

ग़ज़ल सभी की ज़िंदगानी का बड़ा छोटा फ़साना है अचानक से चले आये अचानक लौट जाना है कहानी लिख तो दूँ लेकिन वही किरदार लाज़िम...

admin
April 26, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: शुभा मिश्रा

शुभा मिश्रा की दो कविताएं    निर्वासन कवियों लेखकों के साये में पली- बढ़ी मैं कल इनसे अलग होकर जीऊँ सोचकर ही कॉंप जाती हूँ...

admin
March 10, 2023March 11, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: डॉ अफरोज आलम

ग़ज़ल चंद टूटे हुए बिखरे हुए ख़्वाबों के सिवा कुछ नहीं अब मेरे दामन में शरारों के सिवा दिल सुलगता है मेरा, शोला बयानी से...

admin
March 10, 2023March 11, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: सुमन आशीष

सुमन आशीष की तीन ग़ज़लें 1 तितलियाँ, तोते,गिलहरी यार थे बचपने के ये मेरे संसार थे आम बरगद नीम से थी दोस्ती चाँद-सूरज ख़ास रिश्तेदार...

admin
January 15, 2023January 16, 2023
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खास कलम -

ख़ास कलम :: दिनेश बाबा

अंगिका दोहा दिनेश बाबा बाबा खल के दोसती, दुक्खे दै के जाय। बदमाशी आँखें करै,देह कुटम्मस खाय।। प्रेम आरु गाढ़ो हुवै,बाढ़ै जब बिलगाव। भाँसै तेजी...

admin
January 14, 2023January 16, 2023
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हमारे बारे में

आंच व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है. इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं. लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है
यह पत्रिका प्रत्येक महीने की एक तारीख को प्रकाशित की जाती है. कृपया रचनाएं इमेल पर भेजें. रचनाओं के मौलिक व किसी अंतरजाल पर प्रकाशित नहीं होने का प्रमाण भी संलग्न करें.
इमेल – bhavna.201120@gmail.com ,vinay.prabhat@gmail.com

संपादक –            भावना
संपादकीय टीम – विनय कुमार, संतोष सारंग
कला व परिवर्धन – अरुप सरकार

संपादकीय

संपादकीय –

चांद पर पहुंचा भारत, गौरवान्वित हैं देशवासी

हमारा देश चाँद के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-3 मिशन के अंतर्गत कामयाबी हासिल कर चुका है। यह चंद्रयान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई 2023 को लांच हुआ था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर एवं प्रज्ञान रोवर के द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर ली हैं। 23 अगस्त 2023 को इसरो ने अपने तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करवा कर इतिहास रच दिया था। यूँ तो भारत चाँद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश है, परंतु चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर प्रवेश करने वाला यह दुनिया का पहला देश है। चाँद पर 14 दिन का  दिन होता है, वहीं  रात भी 14 दिन की होती है। यही वज़ह है की धरती पर भी पूर्णिमा और अमावस्या 14 दिन के अंतराल पर ही होती है। विज्ञान और अध्यात्म का यह तालमेल अनूठा है। विक्रम लैंडर एवं प्रज्ञान रोवर ने उजाले में चाँद से 14 दिनों तक कई महत्वपूर्ण सूचनाएँ धरती पर भेजी हैं, इसमें चाँद का तापमान तथा सल्फर आदि से जुड़ी कई जानकारियां भी शामिल हैं। चाँद पर उजाले के 14 दिन पूरा होने के बाद अंधेरा छा गया एवं विक्रम एवं प्रज्ञान भी स्लीप मोड में आ गए। पर, उम्मीद है कि चाँद पर उजाला होते ही इनसे पुनः संपर्क  साधा जा सकता है । चंद्रयान-3 की सफलता ने इसरो को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित किया है। चंद्रयान-3 की सफलता यह दिखाती है कि असफलताओं से बिना विचलित हुए हम अगर लगातार अथक  परिश्रम करते रहेंगे तो जीत निश्चित है। आज देश के हर व्यक्ति को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है एवं इसरो की सफलता को अपनी सफलता मान रहा है।

साहित्य और विज्ञान एक दूसरे का पूरक है। आज का साहित्य वैज्ञानिक सोच के साथ चीजों को देखता व परखता है। ‘तेरे वास्ते फलक से मैं चाँद लाऊँगा’ जैसे फिल्मी धुन पर नाचता युवा चाँद की गुत्थियों को सुलझाने की हिम्मत भी रखता है। भारत आज विश्व का तेजी से समृद्धि की ओर बढ़ता युवा देश है। स्वाभाविक है युवाओं पर देश का भविष्य निर्भर है। विवेकानंद कहते थे कि “उठो ,जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो “या “कभी यह न कहें कि मैं नहीं कर सकता, क्योंकि आप अनंत हैं, आप कुछ भी कर सकते हैं। आज का समय  विद्रूपताओं से भरा हुआ है। पर, युवा अगर ठान लें तो इस धरती को स्वर्ग में बदल सकते हैं। युवाओं के भीतर में अपार शक्ति है। बस जरूरत है उस शक्ति की सही इस्तेमाल करने की। साहित्य सृजन में रत युवाओं  के कंधों पर भी अपने सार्थक लेखन के द्वारा देश की युवा आबादी का मार्गदर्शन करने का भार है। उन्हें पूरे हौसले के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए।

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