ख़ास कलम :: डॉ.सोनी
वो औरत… – डॉ. सोनी थके पांव.. मुरझाया चेहरा.. सूखे होंठ.. आंखों में छुपा.. वह दर्द गहरा.. फिर भी मुस्कुराती है.. चल रही है.. बढ रही है l…
वो औरत… – डॉ. सोनी थके पांव.. मुरझाया चेहरा.. सूखे होंठ.. आंखों में छुपा.. वह दर्द गहरा.. फिर भी मुस्कुराती है.. चल रही है.. बढ रही है l…
इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें’: एक नायाब संकलन …
संबल (1) मेरे पास सेनाएँ नहीं संबल है जागीरें, धरोहरें, वसीयतनामे नहीं कुछ संकल्प और स्वप्न हैं खेत खलिहान बाग बगीचे मिल कारखाने उद्योग-तंत्र नहीं ऊर्जा से भरे सिर्फ अपने…
एक था हिरामन और एक उसकी प्रेयसी हीराबाई …
गर्म हवा ’ के थपेड़े सहती सत्तर के दशक की युवा पीढ़ी …
महका हरसिंगार खुली रह गई खिड़की मन की, महका हरसिंगार रात भर। शीतल मलयानिल रजनी के, जूड़े में ध्रुव टाँक रहा था। बिखराता ज्योत्स्ना अजिर में, सुघर चंद्रमा झांक रहा…
अप्रत्यक्ष शिकार – डा0 विकास कुमार लौतन वाली की इस बेरुखी से खिसियाकर कर घपोचन साह रेलवे पटरी की ओर बढ़ गया था,…
सपना मंजुल भावका – नंद कुमार आदित्य सिलसिला आपकी तगाफुलका दर्द पिंजरेमें बन्द बुलबुलका बागवाँ लाख …
अगले जनम फिर आना : सिद्धिनाथ स्मृति – सतीश नूतन 1982 में गाँव की गझिन गाछ, बरैला ताल पर उड़ते प्रवासी पक्षियों के कलरव, झाल-करताल-हरिकीर्तन के स्वर और दादी के…
शॉपिंग मॉल – डॉ.जियाउर रहमान जाफरी चलो ना मम्मी शॉपिंग मॉल ले आएंगे इक फुटबॉल वहां पे मिलती चीजें सारी अच्छी अच्छी प्यारी -प्यारी कपड़े रंग-बिरंगे …