समकालीन हिन्दी ग़ज़ल में युवा ग़ज़लकारों का हस्तक्षेप :: डॉ भावना

समकालीन हिन्दी ग़ज़ल में युवा ग़ज़लकारों का हस्तक्षेप डॉ.भावना  हमारा देश युवाओं का देश है। हर पीढ़ी के पास अपनी सोच और विचार होते हैं, जो समाज के विकास में…

एक तीर दो निशान :: ज्वाला सांध्यपुष्प

एक तीर दो निशान ज्वाला सांध्यपुष्प शाम का वक़्त था। प्रभारी सब-इंस्पेक्टर आर के यादव अपने साथी सब-इंस्पेक्टर सुदीप पांडेय के साथ  थाने के पिछवाड़े के एक प्राइवेट कमरे में…

कोरोना काल में बेबसी की कविताएं ‘दुनिया भेलई उदास’ :: सुधांशु चक्रवर्ती

कोरोना काल में बेबसी की कविताएं ‘दुनिया भेलई उदास’ सुधांशु चक्रवर्ती दुनिया की कोई भी भाषा पिंजरे में क़ैद नहीं होती।प्रेम-मुहब्बत,दु:ख-दर्द, भूख, सुरक्षा, सम्मान आदि की भावनाओं एक-दूसरे के बीच…

विशिष्ट गीतकार :: मधुकर वनमाली

मधुकर वनमाली के सात गीत परिचय पूछ रहे हो परिचय मेरा मुझ से क्या मधुकर से पूछो खग मृग जो कुछ नहीं बताए गिरि कानन तरुवर से पूछो।   हँसते…

विशिष्ट कवि :: श्रवण कुमार

श्रवण कुमार की तीन कविताएँ  सपने आज जबकि पॉश इलाके में रात में ही दिखता है दिन से बेहतर उजाला डोमा पोखर मोहल्ले में जैसे-तैसे रहती काकी की आँखों में…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: अनिरुद्ध सिन्हा

अनिरुद्ध सिन्हा की आठ ग़ज़लें 1 बाहर न  आ सकेंगे कभी भेद भाव से रहते नहीं  पड़ोस में जो मेल भाव  से   अपने लिखे को पढ़ न सके एकबार…

हृदय से निसृत साधना का गीत ‘बात करती शिलाएं’ :: कान्ति शुक्ला

हृदय से निसृत साधना का गीत ‘बात करती शिलाएं’  कान्ति शुक्ला काव्य सृजन जीवन का स्पंदन है। जब यही स्पंदन सहजता और सरलता से मुखरित हो जाए तो कविता सृजित…