पुस्तक समीक्षा : मुकेश दुबे
रूमानी कलेवर में गंभीर चिंतन सहेजती कहानियाँ डार्क चॉकलेटी आवरण पर रखा कप, कप से उठती भाप में नज़र आते दो दिल और सुर्ख गुलाब ! काफ़ी हैं महसूस कराने…
रूमानी कलेवर में गंभीर चिंतन सहेजती कहानियाँ डार्क चॉकलेटी आवरण पर रखा कप, कप से उठती भाप में नज़र आते दो दिल और सुर्ख गुलाब ! काफ़ी हैं महसूस कराने…
रागदरबारी : मानवीय संवेदना के भौथरेपन का प्रतिदर्श रागदरबारी मानवीय संवेदना के निरंतर भौंथरे होते जाने की कहानी है। इसको पढ़ते हुए पाठक के मन में किसी भी पात्र या…
पूनम का चाँद हम चाहे दुनिया के सामने जितने भी बहादुर बनते फिरें मगर असल जगह अपनी बहादुरी ना दिखा पाने का ग़म या फिर कहें कि हमारी कायरता मरते…
1 फासला- (स्त्री एकालाप) तुम चलते रहे पौराणिक कथाओं का ताज पहने मैं कसती रही अपने ऐबों के चोगे का फीता तुम अप्रैल की गोधूलियों में लहर बनकर बरसाते रहे…
1 मन में इतनी उलझन मन में इतनी उलझन जितने सघन सतपुड़ा वाले वन, हल्दीघाटी हुई जि़ंदगी चेरापूंजी हुए नयन । जयपुर जैसे लाल गुलाबी रहे देखते हम सपने, लेकिन…
1 तेजाब कुछ आवाजें उठीं कुछ कलम से दर्द बहा कुछ लोगों के मन पिघल गये .. एक माँ की आँखों से आँसू बहते रहे आग भरी थी आँखों में…
जंगल जी उठता है महुआ पेड़ के नीचे गांव की लड़कियों की हँसी में जंगल है जंगल अब भी जंगल है यहाँ गोला – बारूद फूटे गरजे आसमान से तोप…
गांधी ने महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा महात्मा गांधी महिलाओं को रूढ़ियों और कुप्रथाओं से मुक्त करने और स्वतंत्र रूप से व्यक्तित्व विकास के हिमायती रहे। गांधी जी ने…
1 तमाम घर को बयाबां बना के रखता था पता नहीं वो दिये क्यों बुझा के रखता था बुरे दिनों के लिए तुमने गुल्लकें भर लीं मैं दोस्तों की दुआएं…