खास कलम : त्रिलोक सिंह ठकुरेला

कुण्डलियां जिनकी कृपा कटाक्ष से, प्रज्ञा, बुद्धि, विचार। शब्द, गीत, संगीत, स्वर, विद्या का अधिकार॥ विद्या का अधिकार, ज्ञान, विज्ञानं, प्रेम-रस। हर्ष, मान, सम्मान, सम्पदा जग की सरबस। ‘ठकुरेला’ समृद्धि,…

पुस्तक समीक्षा : सवा लाख की बाँसुरी

पुस्तक समीक्षा : सवा लाख की बाँसुरी – सत्यम भारती ‘दर्द, विरह, आँसू, घूटन अगर न होते मित्र, तो फिर कवि होता नहीं दीनानाथ सुमित्र ।’ स्वभाव से अक्खङ, बातों…

विशिष्ट कवयित्री : मंजुला उपाध्याय ‘मंजुल’

मिट्टी में जडे़ं कसीदे कारी वाले गमलों में आश्रय देकर इतरा रही है अपनी सम्पन्नता पर तुम्हारी सोच । मेरी हरी भरी डालियां खिला खिला यौवन देखकर तन जाती है…

विशिष्ट कहानीकार : मधु सक्सेना

वो चालीस मिनिट – मधु सक्सेना तेजी से चला जा रहा था थ्री व्हीलर । उतनी ही तेजी से मीठी के विचार ।आज साथ मिला कितने दिनों के इंतज़ार के…

आलेख : संजीव जैन

पारिवारिक विघटन और हिंदी महिला उपन्यासकार पितृसत्तात्मक परिवार की जिस संरचना और स्वरूप को हमने अब तक समझा है उसके संदर्भ में महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में पारिवारिक विघटन की…

विशिष्ट ग़ज़लकार : ध्रुव गुप्त

1 हद से भी बढ़ जाएंगे तो क्या करोगे चांद पर अड़ जाएंगे तो क्या करोगे इस क़दर आवारगी में दिल लगा है हम कभी घर जाएंगे तो क्या करोगे…

विशिष्ट गीतकार : ज्ञान प्रकाश आकुल

(1) जितने लोग पढ़ेंगे पढ़कर, जितनी बार नयन रोयेंगे समझो उतनी बार, गीत को लिखने वाला रोया होगा। सदियों की अनुभूत उदासी यूँ ही नहीं कथ्य में आयी आँसू आँसू…