विशिष्ट ग़ज़लकार :: ब्रह्मजीत गौतम
माँ ब्रह्मजीत गौतम उम्र अधिक है, तन जर्जर है माँ फिर भी सबसे सुंदर है माँ से ही घर होता घर है वरना तो केवल खँडहर है ममता, प्रेम, दया,…
माँ ब्रह्मजीत गौतम उम्र अधिक है, तन जर्जर है माँ फिर भी सबसे सुंदर है माँ से ही घर होता घर है वरना तो केवल खँडहर है ममता, प्रेम, दया,…
शान से जीने दो – मुकेश कुमार सिन्हा कभी बाँध कर देखो दो-ढाई किलो का पत्थर पेट से पाँच-छः महीने तक। ऐ पुरुष! पता…
ग़ज़ल पंकज सिद्धार्थ माँ अपनी संतान के सर पर आँचल को फैलाती है धूप में शीतल छाया देकर सुख उसको पहुँचाती है आशीर्वाद के फूल निछावर उसपर करती रहती है…
कहां गुम हो गई… बबीता गुप्ता आत्मविश्वास से ओत-प्रोत होकर भी उन्होने अपना जीवन एक पिंजरे में कैद पंछी की तरह व्यतीत किया.वो समाज की ही नहीं,परिवार की परंपरावादी व…
गीत दिनेश प्रभात मत कहो… मत कहो इक गीत, माँ पर भी लिखा है! शब्द की ऊँचाइयों का भ्रम न पालो, त्याग उसका तुम किसी क्रम में न ढालो, सिन्धु…
ग़ज़ल डॉ. अफ़रोज़ आलम ऐ मां मुझे करनी है सिफ़त तेरी रक़म आज हैरान है मेरी अक़्ल, परेशान है क़लम आज मिलती है शब ओ रोज़ मुझे तेरी दुआएं मैं…
मां अनिरुद्ध सिन्हा सच पूछो तो ममता की जंज़ीर चुरा ली है मैंने माँ से माँ की ही तस्वीर चुरा ली है कुछ बिखरी उम्मीदों ने तक़दीर चुरा ली है…
मानव मन के गहरे अँधरे कोनों की पड़ताल करता उपन्यास – दृश्य से अदृश्य का सफ़र पंकज सुबीर हिन्दी कथा संसार का दायरा वैसे तो दिनों-दिन विस्तृत होता जा…
भावना की तीन कविताएँ 1 यह अलग बात है कि पर्दा उठ चुका है जिन्दगी के रंगमंच पर खेला जा रहा यह खेल खत्म हो चुका है पर,तुमने शानदार पारी…
बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी जयप्रकाश मिश्र हिंदी तथा बज्जिका साहित्य की यशस्विनी साहित्यकार एवं कवयित्री डाॅ शांति कुमारी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है…