विशिष्ट गीतकार : अवनीश त्रिपाठी

【एक】 अँजुरी भर अँगड़ाई सिरज रहा है धूप सलोनी सिरहाने पर सूरज भोर झरोखे पर ले आई अँजुरी भर अँगड़ाई। दूर क्षितिज पर टहल रहे हैं बादल के मृगछौने श्याम-सलोने…

विशिष्ट कवयित्री : डॉ उषा रानी राव

जैसे थामती है हवा सफेद बादलों की कतार में.. नीले सागर के गर्भ में .. पतझड़ के पत्तों के मर्मर में .. चेतन के अचेतन में .. थामते हैं तुम्हारे…

हस्तीमल हस्ती की ग़ज़लें प्रगतिशील जीवन मूल्यों का दर्पण : अनिरुद्ध सिन्हा

हस्तीमल हस्ती की ग़ज़लें प्रगतिशील जीवन मूल्यों का दर्पण : अनिरुद्ध सिन्हा सामान्य धारणा है कि हस्तीमल हस्ती ग़ज़ल-विधा पर विचार करनेवाले ग़ज़लकार हैं। इनकी ग़ज़लें सृजन और समय की…

विशिष्ट ग़ज़लकार : अशोक मिजाज

1 मोहब्बत की वो शिद्दत आज भी महसूस होती है, पुरानी चोट है लेकिन नई महसूस होती है। मेरी आँखों में तू ,ख़्वाबों में तू,साँसों में तू ही तू, न…

विशिष्ट ग़ज़लकार : सृजन गोरखपुरी

1 ख़ुशी के एक क़तरे को तरसती ज़िन्दगी है चले आओ, तुम्हीं में दो जहानों की ख़ुशी है सभी चीज़ें बहुत महफ़ूज़, हासिल, तयशुदा हैं कमी है ज़िन्दगी में तो…

विशिष्ट कवि: विनय

हँसी का सौंदर्य झरने की तरह कल-कल करती ध्वनि आसमान में चिड़ियों का कलरव फूलों पर मंडराते भौंरों का गुंजन या फिर अल्हड़ हवाओं की सनसनाहट सच कहूँ ऐसे ही…

विशिष्ट ग़ज़लकार : आलोक श्रीवास्तव

हमन है इश्क़ मस्ताना, हमन को होशियारी क्या, गुज़ारी होशियारी से, जवानी फिर गुज़ारी क्या धुएँ की उम्र कितनी है, घुमड़ना और खो जाना, यही सच्चाई है प्यारे, हमारी क्या,…