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विशिष्ट गीतकार- हीरालाल मिश्र मधुकर उठो जवान उठो जवान! मातृभूमि को नया विधान दो। वसुन्धरा पुकारती प्रवीण प्राण दान दो। उठो किसान, बाल-वृंद, वृद्ध-नौजवां उठो, उठो कराल काल कालिका के…
विशिष्ट गीतकार :: पंकज वसंत
1 आओ हे! नव वर्ष, स्वागत !तेरा नव वर्ष, हर्ष-आनन्द चंद कम ले आना आओ प्रिय,लेकिन अधरों पर प्रतिबंध नहीं लेकर आना! मुस्काती प्रति प्रत्यूष घड़ी सुस्मित साँझें सतरंग लिएं…
विशिष्ट गीतकार : अमरेंद्र
मेघ गरजा रात भर है, प्यार सचमुच में अमर है । कौन कहता है विरह में बस धरा दो टूक होती, क्या कहूँ कि नभ-हृदय में पीर कितनी, हूक होती;…
