बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी
- जयप्रकाश मिश्र
हिंदी तथा बज्जिका साहित्य की यशस्विनी साहित्यकार एवं कवयित्री डाॅ शांति कुमारी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है ।इनका जन्म 10 जुलाई 1949 को शाही मीनापुर, मुजफ्फरपुर (बिहार) में हुआ था ।वे बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति की थीं ।उन्होंने हिंदी में एम,ए और “बज्जिका लोककथा-साहित्य ” में पी-एच•डी• की उपाधि प्राप्त की।इनका जीवन हिंदी तथा बज्जिका साहित्य के सृजन और विकास के लिए समर्पित रहा है ।इनके द्वारा लिखे सैकड़ो आलेख, तथा कविताएँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं ।मौलिक सृजन के अलावा इन्होंने न केवल शोध और समीक्षा से बज्जिका साहित्य का संवर्धन किया,बहुत से लेखकों को बज्जिका की ओर प्रेरित भी किया ।डाॅ शांति कुमारी को हिंदी तथा बज्जिका में विस्तृत और अग्रणी योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार भी मिले हैं जो निम्नलिखित हैं-
1- बिहार राज्य शिक्षक पुरस्कार (1994)
2 – बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के हीरक जयंती पर सम्मान तथा पदक एवं शिक्षा समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित
दूरदर्शन तथा आकाशवाणी से इनका निरन्तर कविता-पाठ होता रहा।
विदुषी लेखिका डाॅ शांति कुमारी की पुस्तक “बज्जिका लोककथा साहित्य ” शोधपरक पुस्तक है।बज्जिका साहित्य की यह अमूल्य धरोहर है ।
वे सहज स्वभाव तथा धार्मिक प्रवृत्ति की थीं ।मेरा उनसे परिचय शिवहर में हुआ था ।यहाँ वे कन्या उच्च विद्यालय की प्राचार्या थीं ।उनका स्वभाव ऐसा था कि जो भी एक बार उनसे मिलता था तो बस उन्हीं का होकर रह जाता था । वे अपने आवास पर हमेशा काव्य-गोष्ठियाँ करती रहती थीं ।जिसमें शहर तथा आसपास के सभी कविगण आकर अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया करते थे।डाॅ शांति कुमारी जी नवोदित कवियों को प्रोत्साहन भी देती रहती थीं ।शिक्षण कार्य के बाद वे लेखन में जुट जाती थीं ।उन्होंने जो कुछ किया वह उनके अपने परिश्रम और अध्यवसाय का फल था ।उनके व्यक्तित्व तथा कृतित्व का मूल्यांकन सही ढंग से नहीं हो पाया है ।पुनर्मूल्यांकन का कार्य जरूरी है जिनसे उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का परिचय नई पीढ़ी को प्राप्त हो सके ।डाॅ शांति कुमारी का निधन 11 जुलाई 2021 ई0 को मुजफ्फरपुर में हो गया ।उनके निधन से हिंदी तथा बज्जिका साहित्य को अपूरणीय क्षति हुई है ।साहित्य जगत में डाॅ शांति कुमारी का नाम उनके विलक्षण व्यक्तित्व, उनकी बहुमुखी प्रतिभा, उनके विविध आयामी सर्जन कार्य के लिए स्मरणीय रहेगा। डाॅ शांति कुमारी अप्रतिम मेधावी, बहुमुखी प्रतिभा की धनी ,निष्ठा -लगन और अपने असाधारण अध्यवसाय द्वारा कर्म के प्रति समर्पित अद्भुत व्यक्तित्व की धनी थीं ।इनपर एक पुस्तक जरूरी है जो उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर सम्यक प्रकाश डाल सके ।