खास कलम :: अभय शर्मा

तुम्हें मेरा नाम याद आ जाये
मैं तुझसे बात  नहीं  करता
इसका  मतलब यह  नहीं  कि
तुम्हें याद नही करता..
सोचता हूँ
कि अब तक तुम्हें  मेरा पूरा  नाम याद न  हो ,
मगर धुंधली-  सी शक्ल तो  याद होगी ..
फिर सोचता  हूँ
 कि इतने साल  बाद
 इतनी  उम्मीद  पालना
बेइमानी  है ..
मगर  एक  जगह  जाकर
उम्मीद जाग जाती  है ..
कभी तो खुद
से बोलोगी  कि ….
अरे  हां  ..कोई  तो था
जो  तूफान में आया था..
क्या नाम था?
तब  शायद…..
  तुम्हें मेरा नाम याद आ जाये
…………………………………………..
परिचय :: अभय शर्मा, नई दिल्ली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *