जिंदगी की खूबसूरती को अभिव्यक्त करने वाले ग़ज़लकार हस्तीमल हस्ती

जिंदगी की खूबसूरती को अभिव्यक्त करने वाले ग़ज़लकार हस्तीमल हस्ती – भागीनाथ वाकले आदरणीय हरेराम समीप जी  द्वारा सद्य संपादित ‘हस्तीमल हस्ती: चुनिंदा अशआर’ समन्वय प्रकाशन गाज़ियाबाद से प्रकाशित यह…

संस्मरण :: राजेन्द्र यादव से रूप सिंह चंदेल की बातचीत

आत्मकथा और आत्मछलना के विभिन्न रूप : राजेन्द्र यादव   –  बातचीत : रूप सिंह  चंदेल दलित और नारी विमर्श आज साहित्य और वैचारिक विमर्श की मुख्यधारा बन गया है…

पुस्तक समीक्षा :: भागीनथ वाक्ले

ग़जल संस्कृति के संवाहक आर.के. माथुर ‘राजीव’ भागीनथ वाक्ले   मस्जिद में आके देख, इबादत भी है नशा  मयनोश भूल जायेगा, खुद ही शराब को ।   रामपुर रजा लाइब्रेरी…

विशिष्ट कथाकार :: सीमा सिंह

परिवार पूरे मोहल्ले के लिए पहेली था ये परिवार। परिवार भी क्या एक करीब साठ पैंसठ साल के वृद्ध और एक सुदर्शन युवक। सब उनको विनोद बाबू के नाम से…

खास कलम :: अभय शर्मा

तुम्हें मेरा नाम याद आ जाये मैं तुझसे बात  नहीं  करता इसका  मतलब यह  नहीं  कि तुम्हें याद नही करता.. सोचता हूँ कि अब तक तुम्हें  मेरा पूरा  नाम याद…

विशिष्ट कवि :: डॉ. महेंद्र मधुकर

पृथ्वी-पत्र तुमने लिखी है पृथ्वी मेरे नाम ! हरियाली उड़ेल दी तुमने नदी-नद के छोर वशवर्ती मेरे पत्ते, वृक्ष सहोदर से बढ़े मेरे साथ !   मेरे स्पर्श की उष्णता…