विशिष्ट गीतकार :: दिनेश प्रभात

गाँव ढूँढते हो पहले काटा पेड़ और अब  छांँव ढूँढते हो पागल हो, इस महानगर में गांँव ढूँढते हो   मिलने और मिलाने वाली रीतों को छोड़ा चिट्ठी – पत्री…