विजय कुमार स्वर्णकार की ग़ज़लों में जीवन के विविध रूपों की अभिव्यक्ति हुई है :: अनिरुद्ध सिन्हा 

विजय कुमार स्वर्णकार की ग़ज़लों में जीवन के विविध रूपों की अभिव्यक्ति हुई है                                 …

विशिष्ट गीतकार :: शिवनंदन सलिल

1 सांझ होते ही नभ के सितारे जगे कुछ हमारे लिए कुछ तुम्हारे लिये नैन में सो रहे स्वप्न सारे जगे कुछ हमारे लिये कुछ तुम्हारे लिये   आमने सामने…

खास कलम :: रिजवान इकरा

अब इन्तज़ार के मौसम उदास करते नहीं, अजीब है कि हमें ग़म उदास करते नहीं। कभी-कभी का ख़फ़ा होना ठीक है लेकिन, किसी के दिल को यूँ पैहम उदास करते…

जीवन के सभी रसों और रंगों में भीगी कविताएँ :: सुधा ओम ढींगरा

जीवन के सभी रसों और रंगों में भीगी कविताएँ सुधा ओम ढींगरा रेखा भाटिया का नया काव्य संग्रह ‘सरहदों के पार दरख़्तों के साये में’ मिला। एक ही बैठक में…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: धर्मेंद्र गुप्त साहिल

1 वो ही बाबा है ,वो ही  मैया है कुछ बदल सा गया कन्हैया है मेरी गंगा है  मेरी जमुना भी जो  मेरे  गाँव  की तलैया है अब कहाँ नीम…

वर्तमान परिदृश्य और शिक्षा :: चितरंजन कुमार

वर्तमान परिदृश्य और शिक्षा चितरंजन कुमार शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा मानवीय संस्कार और सरोकार को बदलने का एक मात्र माध्यम है ।शिक्षा ग्रहण का यह कार्य…

विशिष्ट कवि :: सुजीत वर्मा

परछाई अंत तो प्रारंभ में है। सहज कर्म यात्रा, द्वंद्व मुक्त नहीं होती। बीज से- फल-फूल। आसमान में छत नहीं, पेड़ के लिए सूरज होता है। पृथ्वी अनंत काल से-…