खास कलम : डाॅ. महेन्द्र नारायण
अनकही तुम्हारे प्यार पर कई कविताएँ या तो कम हो जाती हैं या छोटी पड़ जाती हैं जिसे अधरों की अभिव्यक्ति प्रगट कर न सकी...
विशिष्ट गीतकार : रंजन कुमार झा
(1) पथिक बनो दीये खुद पथ के वर्ना हरसू अंधकार है वज्र इरादों के शोलों सँग दीवाली हर निशा मनाओ पथ दुर्गम में पड़ी शिलाएँ...
आलेख : अनिरुद्ध सिन्हा
हिन्दी ग़ज़ल - संवाद और संदर्भ - अनिरुद्ध सिन्हा इससे सहमत हुआ जा सकता है कि दुष्यंत कुमार से पहले हिन्दी ग़ज़ल के क्षेत्र में...
विशिष्ट कवि : शांडिल्य सौरभ
पुनर्रचना डूबना भी तैयारी है नए सफर के में निकलने के पूर्व पश्चिम में डूबना पूरब में उगने की तैयारी है पश्चिम और पूरब तर्क...
विशिष्ट कहानीकार : संजीव जैन
लालबत्ती एक दूसरी कहानी यह भी मेरी जिंदगी अंत से आरंभ हो रही है। मैं हमेशा आरंभ के लिए करता रहा कोशिश पर अंत हमेशा...
विशिष्ट कवि : विमलेश त्रिपाठी
चूल्हा वह एक स्त्री के हाथ की नरम मिट्टी है आँच में जलते गालों की आभा आत्मा के धुँए का बादल और आँख का लोर...
ख़ास कलम : बृजमोहन स्वामी ‘बैरागी’
मेरे हिस्से की भूख : लाचार कविता ----------------------------------------------------- ( गरीबी और लाचारी में जीवन यापन करते हुए एक कवि/लेखक की अंतरात्मा से लिखी गई एक...
विशिष्ट गीतकार : जय कृष्ण राय तुषार
एक गीत-ये हमारे प्रान बहुत मुश्किल से हवा में लहलहाते धान ये नहीं हैं धान , प्यारे ये हमारे प्रान ! जोंक पांवों में लिपटकर...
विशिष्ट कवयित्री : अनीता सिंह
अपनों के लिए ईश्वर को साथ लिए चलती है स्त्री सामा चकेवा के बहाने पहुँच जाती है नइहर भावजों से तिरस्कृत होकर भी नही चाहती...
विशिष्ट ग़ज़लकार : हातिम जावेद
हातिम जावेद की ग़ज़लें 1 इक नज़र आपकी हो गई ज़िंदगी ज़िंदगी हो गई आपने लफ़्ज़े-कुन कह दिया सारी कारागरी हो गई आप की दी...