विशिष्ट कवि : सुशील कुमार

बारिश, पहाड़ और भूख रातभर बारिश हुई है पहाड़ पर चीड़-साल नहा गया पोर-पोर नेतरहाट में फुनगियों-पत्तों से टघर रहा पानी अनगिन धार बनकर रिस...

विशिष्ट कहानीकार : सुशील कुमार भारद्वाज

नंदनी नंदनी. हां हां. वही नंदनी जो खुद में खोई खोई सी रहती है. अरे वही नंदनी, जिसे राजनीति और राजनेता शब्द से इतनी चिढ़...

विशिष्ट कवयित्री : रुचि भल्ला

माफ़ीनामा मैं क्षमाप्रार्थी हूँ दुनिया के सारे बच्चों के प्रति कि उन्हें मारा गया छोटी -छोटी बातों पर हाथ उठाया उनकी छोटी गल्तियों पर उन्हें...

विशिष्ट गजलकार : वशिष्ठ अनूप

1 सारे जग से निभाया तुम्हारे लिए हर किसी को मनाया तुम्हारे लिए तुमको अपना बनाना था बस इसलिए सबको अपना बनाया तुम्हारे लिए नाज़...

विशिष्ट कवि : शरद कोकास

धुएँ के खिलाफ अगली शताब्दि की हरकतों से पैदा होने वाली नाजायज़ घुटन में सपने बाहर निकल आयेंगे परम्परिक फ्रेम तोड़कर कुचली दातून के साथ...

विशिष्ट गीतकार : पूर्णिमा वर्मन

अमलतास डालों से लटके आँखों में अटके इस घर के आसपास गुच्छों में अमलतास झरते हैं अधरों से जैसे मिठबतियाँ हिलते है डालों में डाले...