विशिष्ट कहानीकार :: गोपाल फलक

आम पक गए हैं  गोपाल फ़लक   खिड़की से बाहर देखा घुप अंधेरा था, बीच-बीच में झिंगुर की आवाज, भगजोगनी (जुगनू) का टिमटिमाना और कुत्तों...