पिता की विह्वलता :: डॉ. विद्या चौधरी

पिता की विह्वलता डॉ. विद्या चौधरी रामलखन बाबू ने अपनी ग्रेजुएट बेटी लक्ष्मी की शादी बहुत समझ-गबुझ कर खानदानी घर एवं अच्छे ओहदे वाले लड़के से किया | एक साल…

विशिष्ट गीतकार :: डॉ संजय पंकज

डॉ संजय पंकज के चार गीत गीत अधूरे तुम क्या जानो तुम्हें पता क्या तुम बिन कितने गीत अधूरे! वर्तमान के जस के तस ही अपने रहे अतीत अधूरे! खाली…

‘तस्वीर कहीं तो है’ में रिश्तों का आपसी सामंजस्य :: डॉ भावना

‘तस्वीर कहीं तो है’ में रिश्तों का आपसी सामंजस्य                डॉ भावना समकालीन हिंदी ग़ज़ल दुष्यंत के बाद आज जिस मुकाम पर है ,वहां…

ब्रज श्रीवास्तव की पांच कविताएं

ब्रज श्रीवास्तव की पांच कविताएं सच बोला तो.. पहली बार मैंने सच बोला था लोग खुश हुए थे. दूसरी बार बोला तो कानाफूसी हुई तीसरी बार बोला तो मुझे समझाईश…