चूहा-बिल्ली संवाद :: डॉ. भावना
चूहा-बिल्ली संवाद – डॉ भावना चूहे ने बिल्ली से कहा- तुम सताती रही हो, सदियों से हमें है, तुम्हारा जमाना अब लद…
चूहा-बिल्ली संवाद – डॉ भावना चूहे ने बिल्ली से कहा- तुम सताती रही हो, सदियों से हमें है, तुम्हारा जमाना अब लद…
अंशु केशव की दो ग़ज़लें 1. अज़ीज़ था मेरा जो नींद से मुझे जगा गया फिर असलियत में ख़्वाब क्या है ये मुझे बता गया वो मूरतें बना-बना के तोड़ता…
कला का प्रयोजन क्या है – डॉ सतीश कुमार राय अस्टे फिशर ने लिखा है-“कला इसलिए जरुरी है कि…
स्मृतिशेष साहित्यकार डॉ श्रीरंग शाही की जयंती ( 7 फरवरी) पर उनका आलेख श्रीमती चौहान ओज और वीर रस की गायिका थी। आप वीरों का कैसा हो वसंत और झांसी…
अकेलापन – शंभुनाथ मिस्त्री पड़ोस के दयाल का बुलावा बहुत अचम्भित करने वाला तो न था ; किन्तु इस तरह दयाल विरले ही कभी बुलाता था। दरवाजे से प्रवेश करते…
टर्निंग पोइंट – गीता पंडित “मिस्टर रॉबर्ट, आप यहाँ विदेश में कामियाब बिजनेस मैन हैं. आपके पिता इंडियन थे इसलिए आप से ही पूछती हूँ कि यहाँ…
ओम प्रकाश यती की पांच ग़ज़लें 1 जब आएगा कभी ये वक़्त आपदा बनकर रहेंगे दोस्त मेरे साथ हौसला बनकर किसी की पूजा से वह क्यों बचे सियासत में न…
अनिता रश्मि की पांच कवितायें चाह अबकी आना लाना संग पलाश, गुलमोहर थोड़ी मिट्टी गाँव की, नदी किनारे का चिकना पत्थर गीली रेत, थोड़ी हवा धूप भी और लाना भर…
गरिमा सक्सेना के पांच गीत (1) दुहरापन जीते हैं झेल रही है नयी सदी यह मन-मन की संवादहीनता मन पर हावी हैं इच्छाएँ अस्त-व्यस्त ये दिनचर्याएँ छीन रही है सुख…