पुस्तक समीक्षा : डॉ.भावना
संवेदना को झकझोरती ग़ज़लें - शिखरों के सोपान - डॉ.भावना ग़ज़ल की बात आती है तो बरबस ही प्रेम याद आता है, प्रेम में...
खास कलम : अंजना झा
मेरे घर का कचरा आज बहुत ज्यादा परेशान थी मैं क्योंकि नहीं उठेगा आज मेरे घर का कचरा वाकई हैरान थी मैं।। कल ही तो...
ख़्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं ! – रश्मि तरिका
ख़्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं ! - रश्मि तरिका इंसानों की इस दुनिया में, बस यही तो इक रोना है .... जज़्बात अपने...
विशिष्ट ग़ज़लकार : हस्तीमल हस्ती
(1) चिराग़ दिल का म़ुकाबिल हवा के रखते हैं हर एक हाल में तेवर बला के रखते हैं मिला दिया है पसीना भले ही मिट्टी...
खास कलम : डाॅ. महेन्द्र नारायण
अनकही तुम्हारे प्यार पर कई कविताएँ या तो कम हो जाती हैं या छोटी पड़ जाती हैं जिसे अधरों की अभिव्यक्ति प्रगट कर न सकी...
विशिष्ट गीतकार : रंजन कुमार झा
(1) पथिक बनो दीये खुद पथ के वर्ना हरसू अंधकार है वज्र इरादों के शोलों सँग दीवाली हर निशा मनाओ पथ दुर्गम में पड़ी शिलाएँ...
आलेख : अनिरुद्ध सिन्हा
हिन्दी ग़ज़ल - संवाद और संदर्भ - अनिरुद्ध सिन्हा इससे सहमत हुआ जा सकता है कि दुष्यंत कुमार से पहले हिन्दी ग़ज़ल के क्षेत्र में...
विशिष्ट कवि : शांडिल्य सौरभ
पुनर्रचना डूबना भी तैयारी है नए सफर के में निकलने के पूर्व पश्चिम में डूबना पूरब में उगने की तैयारी है पश्चिम और पूरब तर्क...
विशिष्ट कहानीकार : संजीव जैन
लालबत्ती एक दूसरी कहानी यह भी मेरी जिंदगी अंत से आरंभ हो रही है। मैं हमेशा आरंभ के लिए करता रहा कोशिश पर अंत हमेशा...
विशिष्ट कवि : विमलेश त्रिपाठी
चूल्हा वह एक स्त्री के हाथ की नरम मिट्टी है आँच में जलते गालों की आभा आत्मा के धुँए का बादल और आँख का लोर...