स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी :: डॉ.भावना
स्त्री प्रेम की मार्मिक कथा कुलक्षिणी डॉ.भावना कुलक्षिणी उपन्यास हरिश्चंद्र दास का महत्वपूर्ण उपन्यास है, जो आर पब्लिकेशन मुंबई से छप कर आया है। इस...
अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया :: डॉ.भावना
अपने समय को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जब थम गई दुनिया डॉ.भावना 'जब थम गई दुनिया' सुजीत वर्मा का सद्य: प्रकाशित उपन्यास है, जो...
ख़ास कलम – जयप्रकाश मिश्र
दोहे :: महानगरीय समस्याएँ जयप्रकाश मिश्र नंगेपन की दौड़ में, महानगर है आज। बिना शर्म की नग्नता, फिर भी करती नाज।।1।। भीड़-भाड़ की...
ख़ास कलम – के.पी.अनमोल
दोहे – के. पी. अनमोल जब-तब इसके वास्ते, युद्ध हुए अनमोल। नक़्शा रोटी का मगर, रहा हमेशा गोल।। ***** तन की सुंदरता जगत, करता है...
विशिष्ट गीतकार :: रंजना गुप्ता
रंजना गुप्ता के तीन गीत नदी की पीड़ा तुम क्या जानो पीर नदी की कितनी बार सिसक कर रोई जंगल जंगल घाटी घाटी चलती...
फज़लुर रहमान हाशमी की ग़ज़लों में अध्यात्म और दर्शन :: डॉ.जियाउर रहमान जाफरी
फज़लुर रहमान हाशमी की ग़ज़लों में अध्यात्म और दर्शन ...
लघुकथा :: डॉ.सतीश चंद्र भगत
डॉ.सतीश चंद्र भगत की दो लघुकथाएं दहेज की बलि चढ़ने से बच गई जब रोज-रोज पड़ोसी के घर से लड़ाई के स्वर सुनकर विजय...
विशिष्ट कवि :: प्रमोद झा
प्रमोद झा की चार कवितायें आखिरी चीख पत्थर की जमीन, जंगल के आत्यन्तिक कटने से बेहद आक्रोशित आदिवासी युवक शहरी चाल चरित्र औ चेहरो...
हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें :: मधु सक्सेना
हाज़िर और ज़ाहिर गज़लें : मधु सक्सेना इस दुनिया में सबकी अपनी अपनी नज़र होती है और अपना अपना नज़रिया ..कोई देख के चुपचाप आगे...
ख़ास कलम :: आकांक्षा कुमारी
शरीर का अंत मृत्यु नहीं होती बड़े अरमानों को लेकर घरों को छोड़ आयें सीखने मौत को यमराज से छीन लेने की कलाएँ धरती...