स्त्री और प्रकृति के अंतर्संबंधों के गीत : सत्यम भारती
पुस्तक समीक्षा ........................................................... स्त्री और प्रकृति के अंतर्संबंधों के गीत सत्यम भारती प्रकृति और स्त्री में बहुत हद तक एकरूपता है, दोनों का उद्देश्य परोपकार, ...
एक उपन्यास जिसे पढ़ना ही चाहिए : डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल
पुस्तक-समीक्षा .................................................... एक उपन्यास जिसे आपको पढ़ना ही चाहिए डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल अपने दो ही तो शौक़ हैं – पढ़ना और (संगीत ) सुनना. खूब...
खास कलम : मीना खान
नज़्म कान्हा। तुम्हारी याद में हूं बेकरार मैं, करती हूं लम्हा लम्हा फकत इंतज़ार मै। कहकर गए थे आओगे तुम जल्द लौटकर, आकर करोगे...
विशिष्ट गीतकार : दिनेश प्रभात
1 आप भी तो ओंठ से कुछ बोलियेगा चाँदनी बनकर नयन में डोलियेगा सिर्फ़ मैं ही आपसे कहता रहा हूँ एक तट-सा टूटता ढहता...
विशिष्ट ग़ज़लकार : महेश कटारे सुगम
1 मुझमें इक दुःख भरा आदमी रहता है वर्षों से अधमरा आदमी रहता है झुकता नहीं किसी भी ताकत के आगे ऐसा ही इक...
विशिष्ट कवयित्री : मालिनी गौतम
मालिनी गौतम ........................................................... कहा-अनकहा कुछ आँसू अपने सर्वाधिक प्रिय व्यक्ति से भी छुपा लिए गये, निविड़ अंधकार के प्रगाढ़ क्षणों में अधरों पर फैली हल्की...
पढ़िए गीता बनिए सीता : मीरा श्रीवास्तव
आलेख ........................... पढ़िए गीता बनिए सीता - मीरा श्रीवास्तव लॉक डाउन की अंतहीन पुनरावृत्तियों...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: ममता किरण
"ग़म-ए-दुनिया से गर पाई भी फ़ुरसत सर उठाने की'' तो फिर कोशिश करेँगे हम भी कुछ-कुछ मुस्कराने की। बशर के बीच पहले भेद करते हैं...
संपादकीय :: भावना
हमारा देश 15 अगस्त को अपना 74 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है ।कोविड-19 की इस त्रासदी के बीच मनाया जा रहा यह स्वतंत्रता दिवस...
साक्षात्कार :: अवधेश प्रीत
देशज” पत्रिका समूह के मंच पर वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार *अवधेश प्रीत* जी से कुछ रोचक सवाल और उनके तथ्यपूर्ण जवाब : *प्रस्तुतकर्ता : अरुण...